बस्तर/रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए और अपनी मांगों को लेकर कोटवार एसोसिएशन संघ ने बस्तर मुख्यालय में आज धरना प्रदर्शन कर शहर के मुख्य मार्गो से रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया है। ये प्रदर्शन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर और बस्तर में हुआ।
कोटवार संघ के रामाराम ने बताया कि छत्तीसगढ़ में चुनाव जीतने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पाटन में आयोजित कोटवार संघ के सम्मेलन में कोटवारों को शासकीय कर्मचारी घोषित करने और उन्हें भूमिस्वामी बनाने का वादा किया था। लेकिन सरकार बनने के 4 साल बीतने के बाद भी कोटवार संघ की यह मांग पूरी नहीं हुई। जिसको लेकर कोटवार संघ निरंतर आंदोलनरत है। लेकिन कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने उनके मानदेय राशि पर वृद्धि किया जरूर है। लेकिन कोटवार संघ की जो प्रमुख मांगे हैं उन मांगों को दरकिनार कर दिया गया है। यही कारण है कि आज एक बार फिर से कोटवार संघ को सड़क पर उतरना पड़ा। 16 मार्च को कोटवार संघ में जगदलपुर शहर के मंडी प्रांगण में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। जिसके बाद उन्होंने शहर के मुख्य मार्गों में रैली निकालकर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर वादाखिलाफी का आरोप लगाकर नारेबाजी की। इसके अलावा यह भी कहा कि यदि ज्ञापन सौंपने के बाद भी इनकी मांगे पूरी नहीं होती है तो आने वाले दिनों में इस आंदोलन को उग्र रूप दिया जाएगा और आने वाले विधानसभा चुनाव में विरोध का असर भी दिखेगा।
छत्तीसगढ़ कोटवार एसोसियेशन एक दिवसीय धरना प्रदर्शन राजधानी रायपुर में भी हुआ। दो सूत्रीय मांगो को लेकर प्रदेश भर के कोटवार अपने अपने संभागों में प्रदर्शन कर रहे हैं।रायपुर संभाग के कोटवार रायपुर स्थित धरना स्थल पर जुटे। दो सूत्रीय मांगों में प्रमुख मांग नियमित करते हुए राजस्व विभाग में संविलियन किए जाने की मांग किया। भू राजस्व संहिता की धारा में वांछित संशोधन करते हुए मालगुजारी जमीन पर भूमिस्वामी हक वापस प्रदान करने की मांग किया।