रायपुर, 17 जनवरी 2014
राज्य शासन को सम्पत्तियों के पंजीयन एवं मुद्रांक शुल्क से से 605 करोड़ 18 लाख रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। यह गत वर्ष की इसी अवधि में प्राप्त राजस्व की तुलना में 6 प्रतिशत अधिक है। यह जानकारी गत दिवस वाणिज्यिक कर मंत्री श्री अमर अग्रवाल द्वारा वाणिज्यिक कर मुख्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में दी गयी। बैठक में श्री अग्रवाल ने अधिकारीयों को मुद्रांक शुल्क के लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2013-14 में पंजीयन एवं मुद्रांक शुल्क से 1150 करोड़ रूपए राजस्व संग्रहण का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य के विरूध्द अब तक 62 प्रतिशत राजस्व का संग्रहण हुआ है। बैठक में सचिव वाणिज्यिक कर (आबकारी एवं पंजीयन) श्री आर एस विश्वकर्मा, पंजीयन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं समस्त जिला पंजीयक उपस्थित थे।
श्री आर एस विश्वकर्मा ने बताया कि गत वर्ष अप्रैल से दिसम्बर माह तक एक लाख 50 हजार 308 दस्तावेजों का पंजीयन किया गया था, जिसकी तुलना में इस वर्ष दिसम्बर माह तक एक लाख 54 हजार 374 दस्तावेजों का पंजीयन किया गया है। उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में अप्रैल से दिसम्बर माह तक रायपुर जिले में 217 करोड़ 55 लाख, बिलासपुर में 72 करोड़ 7 लाख, दुर्ग में 93 करोड़ 95 लाख, राजनांदगांव में 23 करोड़ 35 लाख, जांजगीर-चाम्पा में 26 करोड़ 37 लाख, रायगढ़ में 25 करोड़ 92 लाख, सरगुजा में 17 करोड़ 86 लाख, बस्तर में 10 करोड़ 69 लाख, कोरबा में 11 करोड़ 45 लाख, धमतरी में 13 करोड़ 33 लाख, बलौदाबाजार में 22 करोड़ 78 लाख, मुंगेली में 8 करोड़ 94 लाख, बेमेतरा में 14 करोड़ 12 लाख तथा बालोद जिले में 8 करोड़ 36 लाख रूपए गरियाबंद में दो करोड़ 93 लाख, महासमुंद में 11 करोड़ 62 लाख, कबीरधाम में 10 करोड़ 34 लाख जशपुर में 3 करोड़ 56 लाख कोरिया में 4 करोड़ 54 लाख कांकेर में 3 करोड़ 98 लाख दंतेवाड़ा में एक करोड़ 38 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ है। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2013 में दर्ज मुद्रांक प्रकरणों कि संख्या 3443 रही, जिनमें से दिसंबर 2013 की स्थिति में 2120 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है इससे 8 करोड़ 40 लाख रुपये राजस्व की प्राप्ति हुयी।