रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि देश के ताजा हालात किसी से छिपे नहीं हैं. तमाम प्रतिगामी ताकतों और हरकतों के बीच छत्तीसगढ़ एक बार फिर यह साबित करने में सफल हुआ है कि हमें जोड़ना आता है, हमें रचना आता है, हमें बनाना आता है. तोड़ने-फोड़ने-बिगाड़ने में प्रदेश की जनता का कभी कोई विश्वास नहीं था. रचनात्मक सोच और कार्य ही हमारा रास्ता बनाते रहे हैं. इसके लिए मैं छत्तीसगढ़ की जनता का, आप सबका, तहे-दिल से शुक्रिया अदा करता हूं. आप लोगों की इसी विशेषता की वजह से छत्तीसगढ़ को देश और दुनिया में खास पहचान मिली है.
उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों से छत्तीसगढ़ हुआ सम्मानित
राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार, राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अंतर्गत 5 पुरस्कार, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत 9 पुरस्कार, महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत 7 पुरस्कार, राष्ट्रीय पंचायत अवार्ड के तहत 11 जिलों तथा एक-एक जनपद और ग्राम पंचायतों को मिले पुरस्कार यह साबित करते हैं कि हमारे किसानों और ग्रामीण भाई-बहनों की प्रतिभा राष्ट्रीय स्तर पर अपना लोहा मनवाने की काबीलियत रखती है. नीति आयोग द्वारा देश के 115 आकांक्षी जिलों की जो रैंकिंग जारी की गई है, उसमें सुकमा जिला पहले स्थान पर है. इसी प्रकार स्वच्छता सर्वेक्षण में भी छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है, ये सारे पुरस्कार और सम्मान आप लोगों को समर्पित हैं.
छत्तीसगढ़़ की जनता से बड़ी कोई पाठशाला नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि छत्तीसगढ़ की माटी और छत्तीसगढ़़ की जनता से बड़ी कोई पाठशाला नहीं है. मैं जितनी बार बस्तर आता हूं, सरगुजा जाता हूं या गांव-गांव का दौरा करता हूं. तो हर बार मुझे कोई नई सीख मिलती है. मेरा विश्वास है कि गणतंत्र की सफलता की कसौटी जनता से सीख कर, उनकी भागीदारी से, उसके सपनों को पूरा करना है. लोहण्डीगुड़ा ने हमें आदर्श पुनर्वास कानून के पालन की सीख दी तो आदिवासियों की जमीन वापसी से छत्तीसगढ़ सरकार को अपार यश मिला. कुपोषण मुक्ति के लिए नवाचार और दृढ़संकल्प की शुरूआत दंतेवाड़ा से हुई. बीजापुर ने दूरस्थ अंचलों में स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने का प्रण दिया. सुकमा तथा बस्तर जिले में फूडपार्क, कोण्डागांव में मक्का प्रोसेसिंग इकाइयां लगाने का जज्बा दिया.