रायपुर
राज्य सरकार ने भवन निर्माण से संबंधित विभिन्न गतिविधियों में काम करने वाले असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के कौशल उन्नयन के लिए प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से राजधानी रायपुर में आजीविका कॉलेज (लाइवलीहुड कॉलेज) की स्थापना का निर्णय लिया है। इस कॉलेज के जरिये श्रमिकों को विभिन्न निर्माण कार्यों का गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत श्रमिकों को इस प्रशिक्षण का लाभ मिलेगा। यह निर्णय आज यहां नया रायपुर स्थित मंत्रालय (महानदी भवन) में मुख्य सचिव श्री विवेक ढाँड की अध्यक्षता में संपन्न छत्तीसगढ़ निर्माण अकादमी की गवर्निंग बॉडी की बैठक में लिया गया है।
मुख्य सचिव श्री ढाँड ने कहा कि वर्तमान रायपुर शहर और रायपुर में आगामी 15-20 वर्षों में होने वाले विभिन्न भवनों के निर्माण कार्य की आवश्यकता को देखते हुए रायपुर में एक मॉडल लाइवलीहुड कॉलेज स्थापित किया जाए। इस लाइवलीहुड कॉलेज में श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों को भवन निर्माण के साथ ही दरवाजे खिड़की लगाने, विद्युत एवं नल फिटिंग और इंटीरियर आदि कार्य का गुणवत्ता पूर्ण प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि जिन शहरों में अधिक निर्माण कार्य होने वाले शहरों जैसे बस्तर, राजनांदगांव, कोरबा एवं रायगढ़ आदि बड़े शहरों में भी भवन निर्माण एवं स्किल डेव्हलपमेण्ट संबंधी प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग को भी छत्तीसगढ़ निर्माण अकादमी की गवर्निंग बॉडी की बैठक में बुलाया जाए। श्री ढाँड ने कहा कि इस कार्य में भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल का आवश्यक सहयोग लिया जाए।
बैठक में छत्तीसगढ़ निर्माण अकादमी की गतिविधियों में चार नए पाठ्यक्रम जोड़ने का भी अनुमोदन किया गया। इसमें सरकारी विभागों के अतिरिक्त अन्य संस्थाओं/निर्माण कंपनियों द्वारा इच्छित प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने, बेसिक कम्प्यूटर एवं निर्माण/डिजाइन से संबंधित सॉॅफ्टवेयर पाठ्यक्रम का प्रशिक्षण, निर्माण से संबंधित मटेरियल लेब टेस्टिंग का प्रशिक्षण और निर्माण से संबंधित वाहन एवं मषीन का संचालन तथा रिपेयरिंग प्रशिक्षण पाठ्यक्रम चलाने का अनुमोदन किया गया। बैठक में छत्तीसगढ़ निर्माण अकादमी के सचिव श्री एस.एस.बजाज ने बताया कि सरगुजा जिले के सीतापुर और कबीरधाम जिले के पंडरिया में इलेक्ट्रिशियन ट्रेड का प्रशिक्षण हितग्राहियों को दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि महासमुंद, कोरबा एवं दुर्ग जिले के सात केन्द्रों में निर्माण के विभिन्न ट्रेडों में 592 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया है। उनमें से 80 प्रतिशत प्रशिक्षणार्थियों को रोजगार प्राप्त हो गया है।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ निर्माण अकादमी द्वारा सी.एस.एस.डी.एम.(सेण्ट्रल स्टेट स्किल डेव्हलपमण्ट मिशन) के तहत कयाबांधा नया रायपुर, अन्नपूर्णा सामुदायिक सेवा केन्द्र जामुल जिला दुर्ग, लोधी समाज भवन परिक्षेत्र आरंग जिला रायपुर, अन्नपूर्णा सामुदायिक भवन राजनांदगांव और सामुदायिक भवन पंडरिया का वी.टी.पी.(वॉलेण्ट्री ट्रेनिंग प्रोवाइडर) पंजीयन कराया गया है। बैठक में आवास, पर्यावरण तथा वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव श्री एन.बैजेन्द्र कुमार, लोक निर्माण एवं नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव श्री आर.पी.मण्डल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री पी.सी. मिश्रा, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल के आयुक्त श्री सोनमणि बोरा सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।