बाल अधिकारों के संरक्षण में शिक्षकों की भूमिका विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न
रायपुर, 01 फरवरी 2014
छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा आज यहां नवीन विश्राम भवन के सभाकक्ष में ‘बाल अधिकारों के संरक्षण में शिक्षकों की भूमिका’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यशाला को संबोधित करते हुए राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री यशवंत जैन ने कहा कि बच्चों के मन में शिक्षकों के व्यवहार का बहुत गहरा प्रभाव होता है। बच्चों के भविष्य को संवारने में भी शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। श्री जैन ने कहा कि वयस्कों को जो मानव अधिकार प्राप्त हैं, वे सारे अधिकार बच्चों को भी मिले है। इसके अलावा बच्चों को कई विशेष अधिकार भी दिए गए हैं।
आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री जैन ने कहा कि बच्चों की समस्या को जानने के लिए हमें बाल मनोविज्ञान को समझना होगा। इस संबंध में जुवेनाइल जस्टिस एक्ट बनाया गया। बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए ही ‘लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 लागू किया गया है। आज बच्चों की समस्याओं को अलग से देखने की जरूरत है। चार सत्रों में आयोजित इस कार्यशाला को महिला एवं बाल विकास संचालनालय के संचालक श्री दिलीप वासनीकर, न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री मनोज प्रजापति, राज्य योजना आयोग के सदस्य श्री पी.सी. सोती, बाल मनोविज्ञान सलाहकार डॉ. अम्बा सेठी ने भी संबोधित किया। कार्यशाला में बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए कानूनी प्रावधान एवं योजनाओं, राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय बाल अधिकार संरक्षण आयोगों की भूमिका, बच्चों के शोषण की रोकथाम, निःशक्त बच्चों की देखभाल और उनके लिए शिक्षा व्यवस्था सहित बच्चों से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। कार्यशाला में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य श्री रजनीश शुक्ला, कलकत्ता से चाईल्ड हैल्पलाइन के राष्ट्रीय समन्वयक श्री कल्लोल चौधरी सहित पांच जिलों- रायपुर,गरियाबंद, धमतरी, महासमुन्द और बलौदा-बाजार के जिला शिक्षा अधिकारी, इन जिलों के सभी विकासखण्डों के विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, विकासखण्ड स्त्रोत अधिकारी, प्रधानपाठक, सहायक विकास आयुक्त और डाइट के प्राचार्य उपस्थित थे। कार्यक्रम में समूह चर्चा में नेत्ररोग विशेषज्ञ और प्रेरणा समाजसेवी संस्था के प्रमुख डॉ. राकेश कामरान सहित अनेक प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे।