डॉ. एस.सी. शर्मा होंगे स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के नये कुलपति

रायपुर, 12 जनवरी 2014

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राज्यपाल और विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति श्री शेखर दत्त ने डॉ. एस.सी. शर्मा को भिलाई नगर स्थित छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय, के कुलपति पद पर नियुक्त किया है।उनका नियुक्ति आदेश आज यहां राजभवन से जारी किया गया। यह नियुक्ति छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय अधिनियम 2005 की धारा-12 (1) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए की गई है। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति डॉ. बिमल चन्द्र माल का कार्यकाल 10 फरवरी 2014 को पूर्ण हो रहा है। नये कुलपति वर्तमान में डॉ. एस.सी. शर्मा बी.एम.एस. इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बंगलुरू के प्रमुख मेंटर हैं। वे इस संस्थान के मैकेनिक इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर ऑफ इमीनेंस भी हैं। डॉ. शर्मा इसके पहले तुमकुर विश्वविद्यालय के कुलपति रहे हैं। वे कर्नाटक सरकार के कर्नाटक स्टेट हायर एजुकेशन कौंसिल के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
डॉ. शर्मा ने बंगलुरू विश्वविद्यालय से वर्ष 1984 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्रांच से बी.ई. तथा वर्ष 1988 में एम.ई. की उपाधि हासिल की। उन्होंने वर्ष 1991 में मैसूर विश्वविद्यालय से पी.एच.डी. की उपाधि ली। वे कर्नाटक के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कालेज आर.व्ही. कालेज ऑफ इंजीनियरिंग के प्राचार्य भी रहे। वे कर्नाटक राज्य के स्टेट प्लानिंग बोर्ड के सदस्य, सेंटर फॉर मेनुफेक्चरिंग रिसर्च एण्ड टेक्नोलॉजी यूटिलाईजेशन और सेंटर फॉर सोशल सर्विस एण्ड स्कल्स प्रमोशन के डायरेक्टर भी रहे। वे मई 2009 से मई 2013 तक तुमकुर विश्वविद्यालय, तुमकुर के कुलपति रहे। उन्होंने अक्टूबर 2010 से जून 2013 तक कर्नाटक शासन के कर्नाटक स्टेट हायर एजुकेशन कौंसिल के वाइस चेयरमेन के रूप में अपनी सेवाएं दी। उन्होंने मंगलोर विश्वविद्यालय में क्यूवेंम्यू विश्वविद्यालय एवं डीकिन विश्वविद्यालय, आस्ट्रेलिया से डी.एस.सी. की उपाधि प्राप्त की। उन्हें अनेक विश्वविद्यालयों ने डी. लिट की उपाधि से सम्मानित भी किया। डॉ. शर्मा नोबल लेटरर्स और सस्टेनेबल डेव्हल्पमेंट एण्ड नेचुरल डिसासटरर्स एण्ड पॉवर्टी किताबों के सह लेखक भी हैं। वे ’कम्पोसिट’, ’प्रोडक्शन’, ’फाउंड्री टेक्नोलॉजी’, ’इंनोवेटिव मटेरियल्स’, ’युनिवर्सिटस एण्ड हायर एजुकेशन सिस्टमस’ और ’डिजिटल लाइब्रेर्रिस’ के लेखक/सह लेखक हैं। उनके मार्गदर्शन में 33 विद्यार्थियों ने पी.एच.डी. की डिग्री हासिल की है। वे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बंगलुरू के विजिटिंग साइंटिस्ट रहें हैं तथा बंगलुरू विश्वविद्यालय के आनरेरी प्रोफेसर ऑफ इमीनेन्स तथा सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के आनरेरी एडवाइजर रहें हैं। वे सेंटर फॉर सोशल सर्विस एण्ड स्कल्स प्रमोशन के संस्थापक डायरेक्टर रहें हैं। उन्होंने राजीव गांधी पॉलिटेक्निक अरूणाचल प्रदेश से एम.ओ.यू. किया तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र के जनजातीय समुदाय को कम्प्यूटर हार्डवेयर, सॉफटवेयर, इलेक्ट्रानिक हार्डवेयर और आटोमोबाइल संबंधी प्रशिक्षण दिया। इस संस्था को कर्नाटक शासन ने 2005 में कर्नाटक राज्योत्सव एवार्ड 2005 से सम्मानित किया। उन्हें जहां राज्य शासन ने अनेक एवार्ड से सम्मानित किया वहीं यूजीसी नेशनल फेलो और यूजीसी केरियर एवार्ड तथा राजा रमन्ना एवार्ड से सम्मानित किया गया है। हाल ही में उन्हें थर्मेक 2013 सम्मान से सम्मानित किया गया है।