रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक अजीब वाकया देखने को मिला। यहां तहसील न्यायालय से एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां पर भगवान भोलेनाथ को कुछ दिन पहले नजूल भूमि पर मंदिर निर्माण को लेकर नोटिस दिया गया था। इसके जवाब में भगवान शुक्रवार को तहसील न्यायालय में पेशी पर पहुंचे। भगवान तो तय समय पर पहुंच गए लेकिन नोटिस देने वाले अधिकारी ही तहसील कार्यालय से नदारद मिले। अब भगवान को नई तारीख में न्यायालय में पेश होना पड़ेगा।
दरअसल, पूरा मामला यह है कि, रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 25 कऊहाकुंडा में एक महिला द्वारा नजूल भूमि पर अवैध कब्जे को हटाने के लिए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने रायगढ़ तहसील न्यायालय को संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। तहसील न्यायालय ने संबंधित लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। जिसमें शिव मंदिर, कऊहाकुंडा को नोटिस दे दिया।
ऐसे में शुक्रवार को कऊहाकुंडा वार्ड के स्थानीय लोग शिवलिंग को रिक्शे में लेकर नोटिस की कॉपी के साथ तहसील न्यायालय में पेशी पर पहुंचे। तहसीलदार जनसुनवाई में व्यस्त होने के कारण मामले की सुनवाई नहीं कर सके। इस मामले में नायब तहसीलदार का कहना है कि, मंदिर को नोटिस, लिपिकीय त्रुटि की वजह से जारी हुआ था। इस मामले में अन्य लोगों को नोटिस दिया गया है। नोटिस की सुनवाई अप्रैल महीने की 13 तारीख को होगी।