सूरजपुर. Power Cut: छत्तीसगढ़ के उत्तरी इलाके में गर्मी से हाल बेहाल है. तपती धूप से बचने के लिए लोग घर से निकलना कम दिए है. घरों, कार्यालयों, दुकानों में एसी, कूलर, पंखा ही सहारा बना है, जो गर्मी से राहत प्रदान कर रहा है. लेकिन सूरजपुर जिले में बिजली विभाग की मनमानी जनता के सुकून पर पानी फेरने में जुटा हुआ है. आए दिन घंटों तक बिजली कटौती से ग्रामीणजन परेशान हो चुके है. ये सिलसिला पिछले दो महीने से चल रहा है, यही वजह है कि अब बात सरकार तक आ पहुंची है, लोग बिजली के मामले में पूर्ववर्ती भूपेश बघेल की सरकार को याद कर रहे है. उनके टाइम में भी अघोषित बिजली कटौती होती थी, लेकिन पिछले दो महीने से जिस तरह से सूरजपुर जिला मुख्यालय के नजदीक के गांव में बिजली विभाग आंख मिचौली का खेल, खेल रहा है. शायद अब तक ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. जरा सी तेज हवा चलने पर बिजली विभाग द्वारा घंटों तक लाइट काट दिया जा रहा है. ऐसे में ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है.
दो महीने से परेशान हैं ग्रामीण
छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिला मुख्यालय के नजदीक महगंवा में बिजली विभाग का सब स्टेशन है. जहां से नमदगिरी, रुनियाडीह, रामपुर, रामनगर, सोहागपुर, करंजी, खरसुरा, सरस्वतीपुर समेत दर्जनों गांव में बिजली सप्लाई की जाती है. लेकिन बिजली विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली व मनमानी से हजारों उपभोक्ताओं की मुसीबत बढ़ी हुई है. पिछले दो महीने से विभाग द्वारा दिन और रात दोनों समय घंटों-घंटों तक लाइट काट दिया जाता है. जिससे ग्रामीणजन कई तरह से परेशान होते है. जिन किसानों ने खेतों में फसलें उगाई है, वह सिंचाई नहीं कर पा रहे है. कई व्यवसायिक व निर्माण कार्य भी बिजली नहीं होने से प्रभावित हो रहे है. गर्मी से अलग परेशानी बढ़ी हुई है. पिछले दो महीने से तो क्षेत्र के ग्रामीण बिजली कटौती की समस्या से जूझ रहे है. इसी बीच 23 मई को उपभोक्ताओं के मोबाइल पर MSG आया था कि आज सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक नमदगिरी फीडर में काम चलेगा. इसलिए बिजली व्यवस्था प्रभावित रहेगी. वहीं अगले दिन यानी आज (शुक्रवार) से लोगों को उम्मीद थी कि व्यवस्था सुधर जाएगी, बिजली कटौती से राहत मिलेगी. लेकिन हालात जस के तस बनी हुई है.
सामान्य दिनों में भी कटौती
मई महीने में मौसम में उतार चढाव बना हुआ है. दिनभर तेज धूप पड़ रही है. वहीं कभी-कभी दोपहर के बाद आंधी तूफान और बारिश जैसी स्थिति भी बनती है. ऐसे में आंधी-तूफान की वजह से पेड़ टूटने, केबल, खंभे टूटने से हालात बिगड़ जाते है, बिजली काटनी पड़ जाती है. हालांकि ऐसा रोज नहीं होता है. एक-दो दिन में व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली जाती है. इसके बावजूद सामान्य दिनों में भी बिजली की कटौती समझ से परे है. शुक्रवार को भी दिन में एक घंटे तक बिजली गुल रही. पिछले दिनों जिले भटगांव क्षेत्र में भी यही हाल था, लेकिन मीडिया के दखल के बाद व्यवस्था सुधरी है. वहीं अब सूरजपुर जिले के नजदीक के गांव की समस्याओं को सरकार और अफसर कब गंभीरता से लेंगे, ये देखने वाली बात होगी.
भूपेश सरकार को याद कर रहे लोग
सूरजपुर जिला मुख्यालय के नजदीक के गांवों में बिजली कटौती से ग्रामीण इस कदर परेशान हो चुके है कि, पूर्ववर्ती बघेल सरकार को याद कर रहे है. आमजन बिजली कटौती की चर्चा में कह रहे है कि पहले ऐसा नहीं होता था. बिजली कटौती होती थी, लेकिन इतना ज्यादा नहीं. भाजपा सरकार में तो कटौती परंपरा बन गई है. बता दें कि, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पास ही ऊर्जा विभाग की जिम्मेदारी है. ऐसे में उनके विभाग को लेकर कई शिकायतें हैं. जिन पर नजरें इनायत करने की जरूरत है.
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