बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..प्रदेश में जहाँ एक ओर हो रही हाथियों की मौतों पर राजनीति गर्म है..तो वही विभाग हाथियों की मौतों के कारण जानने जांच का हवाला दे रही है..लेकिन दिलचस्प तो यह है..की प्रदेश में हुए 8 हाथियों के मौत मामले की जांच करने छत्तीसगढ़ पहुँची 2 सदस्यीय जांच दल प्रोटोकॉल के विपरीत ही अपना काम कर रही है..और जांच टीम की कार्यशैली को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है..की जिस मामले ने सियासत को गर्म कर दिया है..जांच दल अब उसे “आया राम,गया राम” की तर्ज पर निपटाना चाहता है..
बता दे कि इसी महीने छत्तीसगढ़ में एक के बाद एक 8 हाथियों की मौतें हुई थी..जिसमे से 3 हाथियों की मौत तो हाथी विचरण क्षेत्र सरगुजा सम्भाग में हुई थी..3 मादा हाथियों में से 2 की मौत सूरजपुर वनमण्डल में हुई थी..जबकि 1 हाथी की मौत बलरामपुर वनमण्डल में हुई थी..बलरामपुर के मामले ने तो इतना तूल पकड़ा की सीधे डीएफओ से लेकर वनरक्षक तक पर कार्यवाही की गई थी..तो पड़ोसी जिले में कार्यवाही नही की गई..
वही केंद्रीय जांच दल अपने प्रोटोकॉल के हिसाब से आज बलरामपुर व सूरजपुर वनमण्डल के दौरे पर था..लेकिन केंद्रीय जांच दल ने प्रोटोकॉल के विपरीत ही 23 जून को अपना काम पूरा कर लिया..जो सन्देह के दायरे में है..जांच दल के इस पूरे जांच प्रक्रिया के दौरान मीडिया को भी जानकारी नही दी गई..जो संदेहास्पद है..