रायपुर. प्रदेश के पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने आज एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने लिखा था कि छत्तीसगढ़ के वर्तमान राजकीय चिन्ह को नरवा, गरवा, घुरवा, बारी की अपार सफलता और छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में “गोबर” के महत्व को देखते हुए इसे राजकीय प्रतीक चिन्ह बना देना चाहिए. अजय चंद्राकर के इस विवादित बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में काफी हलचल मच गई थी. कांग्रेस ने इसका बढ़-चढ़कर विरोध किया. इसके बाद देर शाम को पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के खिलाफ एनएसयूआई ने सिविल लाइन थाने के बाहर जमकर नारेबाजी की और अजय चंद्राकर के गिरफ्तारी की मांग की.
बता दे कि अजय चंद्राकर के इस ट्वीट पर प्रदेश कांग्रेस ने भी रीट्वीट करते हुए जवाब दिया था. जिसमें उन्होंने एक श्लोक लिखते हुए कहा आपकी सोच को देखकर लगता है कि सरकार की इस योजना से भाजपा नेताओं को काफी लाभ मिल सकता है, उठाना भी चाहिए. दिमाग में भरे गोबर को बेचें , आर्थिक लाभ पाएं. कुछ अच्छी चीजे भी दिमाग में घुसेंगे.
दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार गौपालकों से गोबर खरीदने जा रही है. छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य होगा. भूपेश सरकार गौठान योजना को मजबूती प्रदान करने के लिए प्रदेश में गोधन न्याय योजना शुरू करने जा रही है. इसी योजना पर पूर्व मंत्री ने ट्वीट किया.