- स्कूल भवन में बनता है मध्यान भोजन, किचन शेड में रहता है ताला
- अतिरिक्त कक्ष में लगता है आंगनबाड़ी, दूसरे अतिरिक्त कक्ष में रहते है विद्यार्थी
- 24 धंटे खुला रहने से दिन में छात्र रात में असामाजिक तत्व रहते है भवन के अंदर
- मध्यान भोजन का कोई अता पता नही, दिवारों में बने है अनाब शनाब चित्र, प्रशासन मौन
कोरिया (सोनहत से राजन पाण्डेय की रिपोर्ट)
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राज्य शासन ने एक ओर जहां शिक्षा गुणवत्ता अभियान चला रखा है वहीं सोनहत क्षेत्र में कई स्कूल ऐसे भी है जहां की बदहाली देख शिक्षा गुणवत्ता के तहत कितना विकास हो रहा है इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है। आलम है की प्राथमिक शाला पंडोपारा सिंघोर में सब कुछ उल्टा चल रहा है। स्कूल का मुख्य भवन बुरी तरीके बदहाल है किचन शेड का भवन बना हुआ है लेकिन किचन शेड भवन में हमेशा ताला लगा हुआ रहता है और मध्यान भोजन बनाने का कार्य मुख्य शाला भवन में किया जा रहा है। शासन स्तर पर दो अतिरिक्त कक्ष बनाए गए है जिनमें से एक भवन में आंगन बाड़ी केन्द्र का संचालन किया जा रहा है क्यूकी आंगन बाड़ी भवन निर्माण लंबे समय से अधूरा पड़ा हुआ है। वहीं बचा हुआ एक अतिरिक्त कक्ष में कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है इसमें बदहाली का आलम यह है की एक भवन में एक से अधिक कक्षाओं का संचालन किया जाता है साथ ही इस भवन के खिड़की दरवाजे क्षतिग्रस्त है जिससे कोई भी व्यक्ति जब चाहे अंदर जा सकता है। अब इस तरह के बदहाल व्यवस्था में क्षेत्र के नौनिहाल किस तरह अपना भविष्य गढेंगे यह स्वमेव सिद्ध है।
कुल मिलाकर यह कहना गलत नही होगा की विकासखंड सोनहत के ग्राम सिंघोर स्थित प्राथमिक शाला पंडोंपारा पूरी तरीके से भगवान भरोषे संचालित है यहां पदस्थ शिक्षकों का कोई अता पता नही रहता है आलम यह है की छात्र अपनी मर्जी से आते है और अपनी मर्जी से घर चले जाते है । दिन में जहां विद्यार्थी शिक्षा ग्राहण करते है वहीं रात में यहां असमाजिक तत्वों का जमावडा रहता है ।
भवन के अंदर गंदगी
फिलहाल भवन के अंदर भारी गंदगी का आलम निर्मित है भवन को देख कर ऐसा लगता है की सालों से भवन की लिपाई पोताई नही हुई है । वही स्कूल भवन की दिवारों पर तरह के आपत्ति जनक चित्र बने हुए है । उल्लेखनीय है की विद्यालय को शिक्षा के मंदिर की संज्ञा दी गई लेकिन इस तरह के विद्यालय में छात्रों को क्या शिक्षा मिलती होगी ये समझ से परे है । इसके अतिरिक्त विद्यालय में विद्यालय का नाम मात्र ही लिखा हुआ है यह विद्यालय किस ग्राम पंचायत विकासखंड जिला के अंदर आता है इस बात की जानकारी कही नही लिखी है ।
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खिडकी दरवाजे क्षतिग्रस्त
प्राथमिक शाला पंडों पारा के अतिरिक्त कक्ष का भवन भी हमेशा खुला ही रहता है इस भवन के नए होने के बावजूद भी खिडकी दरवाजे पूरी तरह क्षत्रिग्रस्त हो गए है जिससे कुत्ते बिल्ली हमेशा भवन के अंदर ही रहते है और भवन में गंदगी फैली रहती है ।
शौचालय अधूरा व जर्जर
गौरतलब है की संबंधित शाला में शौचालय निर्माण हेतू ग्राम पंचायत को ऐजेंसी बनाकर निर्माण कार्य पूर्ण कराने राशी जारी किया गया था लेकिन पंचायत द्वारा शौचालय का आधा अधूरा एवं घटिया निर्माण कर बीच में ही छोड दिया गया जिससे छात्रों को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है । साथ ही टैंको के गढढों को खुला छोड़ दिया गया है जिससे आए दिन बच्चों की सुरक्षा को लेकर डर बना रहता है।
मीनू के अनुसार भोजन नही
प्राथमिक शाला पंडो पारा में छात्रों को निर्धारित मीनू के अनुसार भोजन नही दिया जा रहा है साथ ही कभी कभी तो मध्यान भोजन बनता ही नही जिससे छात्रों को स्कूलों में भूखे रहना पडता है
वर्षो से नही हुई पोताई
ज्ञात हो की विभाग स्तर से समस्त स्कूलों के लिपाई पोताई एवं रंग रोगन के लिए राशी जारी की जाती है लेकिन पंडों पारा प्राथमिक शाला को देख कर ऐसा लगता है की बनने के बाद से अभी तक अंदर एवं बाहर दोनों जगह लिपाई पोताई का कार्य नही कराया गया है । जिससे स्कूल भवन जर्जर सा लगने लगा है । ग्राम पंडोंपारा के ग्रामीणों ने प्रशासन से स्कूल की व्यवस्था में सुधार कराने की मांग किया है ।
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नही होता निरीक्षण
उल्लेखनीय है की शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत समय समय पर स्कूलों का निरिक्षण हो रहा है लेकिन इन स्कूलों की बदहाली देख कर ऐसा लगता है की शिक्षा गुणवत्ता अभियान भी कागजों में ही संाचालित हो रहा है साथ ही खंड स्तर के बी ई ओ एवं अन्य संबंधित अधिकारीयों को काई सरोकार ही नही है।
इनका कहना है ।
ए बखला , बी आर सी सोनहत -शिकायत मिली है जिसे विकासखंड शिक्षा अधिकारी को अवगत कराया जावेगा