सिलम्बम खेल में सरगुजा के खिलाड़ियों ने जीता सर्वाधिक पदक..! 

राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता 2016 में सरगुजा का शानदार प्रदर्शन। 

अम्बिकापुर

राज्य  स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता 2016 मुगेंली में 9 नवम्बर से 12  तक आयोजित प्रतियोगिता में सरगुजा संभाग के  सिलम्बम के 27 सदस्यों के दल ने दमखम दिखाते हुए, अपने प्रतिभा की पहचान से लगातार चार सालों तक छत्तीसगढ़ के राज्य स्तरीय प्रतियोगिता पदक जीतते हुए इस वर्ष 16 पदक जीते है। पदक जीतने वाले में कु.  संगीता जगत और संतोष कुमार पैकरा स्टीक फाईट में गोल्ड मेडल (हायर सेकेंडरी स्कूल कुन्दीकला) लगातार 3 वर्षों से स्टीक फाईट में मेडल दिलाते हुए इस वर्ष रोहित रोशन (मल्टी परपज स्कूल अम्बिकापुर) सिल्वर मेडल जितते हुए संस्था का नाम रोशन किया। पदक जीतने वाले में कुन्दीकला के कु० सुमित्रा पैकरा व मंद्राचल मरावी स्टीक फाईट में सिल्वर मेडल जीते। सिंगल स्टीक रोलिंग मिनी वर्ग कु. मनीषा सिल्वर मेडल। जुनियर वर्ग में कु. हिमांशु जगत व सिनियर वर्ग कु. पूजा सिंह सिंगल स्टीक रोलिंग ब्राउंज मेडल। डबल स्टीक रोलिंग इवेंट सिनियर वर्ग कु. सरिता मार्को, मो.इस्तिहाक़,  केशवर राम। स्वार्ड स्वींग सिनियर वर्ग ब्राउंज मेडल सबीना खातुन और स्पेयर स्टीक स्वींग इवेंट मिनी वर्ग अर्जुन सिंह, जुनियर वर्ग कु. सुगंती मरावी, टी एस कुमार पैकरा, सिनियर वर्ग तयबा खातुन, सुमित टेकाम हैं। टीम कोच राजेश प्रताप सिंह, सहायक  कोच के रूप में कु. अनिता तिर्की ,  हरि प्रसाद राजवाडे, रामचंद्र तिवारी, रोशन पैकरा,  सुनैना जायसवाल, थे

इस खेल के राष्ट्रीय स्तर के जानकार व कोच राजेश प्रताप सिंह ने बताया कि सिलम्बम खेल का छत्तीसगढ में पहला आयोजन सरगुजा जिला में पुर्व कलेक्टर IAS आर. प्रसन्ना के मार्गदर्शन पर कराया गया था। उन्होंने ने ही इस खेल को छत्तीसगढ़ में चालू कराया था। तब से इस खेल में सरगुजा जिले का विशेष पहचान बना है, इस पहचान के सफर में शा.उ. मा. वि. कुन्दीकला, लुण्ड्रा के खिलाड़ीयों ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं के साथ राष्ट्रीय  स्तर के प्रतियोगिताओं में भी सरगुजा जिले का नाम रोशन किया है। इस उपलब्धि व पहचान के सफर में सरगुजा जिले से मल्टी परपज स्कूल अम्बिकापुर और हायर सेकेंडरी स्कूल कुन्दीकला के संस्था प्रमुख व संस्था के सभी शिक्षकों का सराहनीय योगदान रहा है। इस खेल का सही पहचान व प्रचार प्रसार के लिए मीडिया का भी विशेष सहयोग व मार्गदर्शन रहा है।