रायपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने एक सर्वे रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इन तीन महीनों में ऐसा क्या हुआ.. कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कामकाज को लेकर आई एक सर्वे में बताया गया है कि केवल दो फीसदी लोगों ने उनके काम को पसंद किया है। इससे पहले जून के महीने में एक सर्वे में बताया कि वह देश के बेहतर मुख्यमंत्रियों में से एक थे। आखिरकार इन तीन महीनों में ऐसा क्या हुआ कि मुख्यमंत्री के कामकाज को जनता ने नकारा है। उनका क्रम नीचे चला गया है। जो प्रदेश सरकार के काम-काज को भी इंगित करता है।
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि प्रदेश में उस समय कोरोना को लेकर भी बेहतर स्थिति बताई गई थी। लेकिन वर्तमान में जो स्थिति है वह बेहतर नहीं है। संक्रमित लोगों की संख्या करीब 11 हजार पहुंच गयी है। वही करीब 97 लोगों की मौत भी हुई है। प्रदेश सरकार कोरोना से लड़ाई में पूरी तरह नाकाम है।उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की सारी योजनाएं असफल है।
प्रदेश सरकार के अनिर्णय की स्थिति से जनहित में कुछ भी कार्य नही हो रहे हैं। इस सरकार को लेकर जनता में अस्वीकार्यता बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि रोका-छेका से लेकर नरवा, गुरवा जैसे किसी भी और योजनाओं का जनता को कोई लाभ नही मिल रहा है।
बेरोजगारी चरम पर है। युवा वर्ग को बेरोजगारी भत्ता के नाम पर छला गया है। पेंशन के नाम पर कुछ भी नही मिला है। अतिथि शिक्षक प्रदेश में नौकरी से निकाले जा रहे हैं। गंगाजल की कसमें खाकर किसानों को बोनस देने की बात की गई थी.. लेकिन अब तक वह बात भी पूरी नहीं की गई है। महिला, युवा, किसान हर वर्ग को यह सरकार लगातार छल रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में हालत बेहतर नही है। मंत्रियों के फैसलों में एकजुटता नही है। जिसके चलते जनता के बीच लगातार सही संदेश नहीं जा रहा है और इसलिए ही प्रदेश सरकार का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि प्रदेश की सरकार केवल अपने 20 माह के कार्यकाल में ही जनता का भरोसा खो चुकी है और प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर नाकाम है।