कोरबा. जिले के कटघोरा वनमंडल के पसान वन परिक्षेत्र में छह हाथियों के दल ने ग्राम बनिया में जमकर उत्पात मचाया. ग्रामीण के घर का दरवाजा तोड़ यहां रखे चावल सहित अन्य रसद को चट कर दिया. हाथी आने की आहट से परिवार के लोगों ने घर के पिछली गली से भागकर जान बचाई. जंगल में चारा की कमी के चलते बस्ती में घुस कर नुकसान पहुंचाने का सिलसिला जारी है.
मारवाही जंगल से करीब पखवाड़े भी पहुंचे 23 हाथियों के दल पसान, केंदई और एतमानगर रेंज में घूम-घूम कर उत्पात मचा रहे हैं. शुक्रवार की रात ग्राम बनिया में देर रात उस समय हड़कंप मच गया. जब छह हाथियों का यहां निवासी अरूण धोबी के घर घुस गया. हाथी आने की खबर मिलते ही परिवार के लोग पीछे के दरवाजे से निकलने में सफल रहे. अरूण की पत्नी रोशनी ने बताया कि हाथी ने घर का दरवाजा तोड़ दिया. और घर में रखे चावल को खा गए.
बता दें कि भीषण गर्मी के चलते जंगल में चारा की कमी बनी हुई. मानसून के दौरान हाथियों का दल जंगल के भीतर एक ही जगह में सप्ताह से 15 दिनों तक अपना रहवास बनाते थे. अब चारा कम होने कारण एक स्थल में दो से तीन दिन ही ठहरते हैं. चारा के अलावा जल स्त्रोत सूखने की वजह से दल दूसरे जल्दी-जल्दी जगह बदल रहे हैं. पखवाड़े भर से तीन वन परिक्षेत्र में घूम रहे दल अभी तक 11 मकान को तोड़ चुके हैं. शुक्रवार पसान रेंज के बनिया में नुकसान पहुंचाने के बाद दल फिर से केंदई जंगल आ पहुंचे हैं.
जंगल में चार, गुंजा, बांस हाथियों का मुख्य प्रिय भोजन है. दल की बढ़ती संख्या के लिहाज चारा भी कम पड़ने लना है. दूसरी वजह यह भी है कि चार को वनोपज के तौर पर संग्रहित कर लिया जाता है. इसी तरह बांस के तैयार होने के पहले करील के रूप में उसका उपयोग कर लिया जाता है. ऐसे में पर्याप्त चारा जंगल में नहीं हो रहा. गुंजा, चार के अलावा बरगद और साल के पत्ते और तने के छिलके को भी हाथी चाव से खाता है. जंगल में पर्याप्त संख्या में पेड़ नहीं होने की वजह से भी हाथी रिहायशी क्षेत्रों की ओर आ रहे हैं.