स्कूल तक पंहुचने के लिए मासूमो को करना पडता नदी मे स्टंट…

Children forced to cross the river by boat
Children forced to cross the river by boat

 

गांव के नाम को चरितार्थ करना गांव वालो की मजबूरी..

जंहा के लोग मुलभुत सुविधाओ से वंचित है

बच्चे हर दिन जान हथेली पर रखकर स्कुल जाने को मजबूर है !

कोरबा से इरफान खान की रिपोर्ट

 

गांव का नाम नवापारा  काम नाव पार करना”  जी हां कोरबा का एक गांव का नाम नवापारा है और यंहा के लोग नांव पर कर अपनी जिंदगी की शुरुआत करते है। सुनकर अटपटा सा जरुर लगता है, लेकिन महज “आ” की मात्रा मे भेद ना होता तो इस गांव के रहवासियो की जिंदगी की नईया भी अब तक पार हो चुकी होती।

छत्तीसगढ सरकार विकास के दावे कर अपनी पीठ थपथापती जरुर होगी,,  मगर अब भी कोरबा के एक गांव की ऐसी तस्वीर है,, जो सरकार को मुंह चिढ़ाने के लिए काफी है ,इस गांव का नाम है नावापारा ,औऱ यंहा के लोग नाव पार करके ही अपनी जिंदगी के सफर मे जुटे

cross the river by boat
cross the river by boat

है,, यानी गांव के नाम को चरितार्थ करना इनकी मजबूरी बन गई है। 

स्कूल ड्रेस पहनकर और कंधे पर बस्ता लिए ये बच्चे आम बच्चो कि ही तरह ही स्कूल जाने कि तैयारी में है मगर इन बच्चो के लिए स्कूल का रास्ता इतना आसान नहीं क्योंकि इन बच्चो को नदी पारकर शिक्षा ग्रहण करने जाना पड़ता है , गाव के बच्चे पहले तो इकट्ठा होते है और फिए नाव को खुद ही खे कर नदी के उस पार ले जाते है,,,,, इस दौरान कभी नांव बीच नदी मे डगमगा जाती है, तो कभी नदी मे डूबने का ख़तरा सामने खड़ा नजर आता है !
दरअसल ये बच्चो का शौख़ नही है,, बल्कि यहाँ के लोगो कि ये मज़बूरी है क्योंकि इनका गाव बांगो परियोजना के डुबान क्षेत्र के कारण पानी से घिर चुका है और इन्हे पढ़ाई के लिए बूढ़ापारा जाना होता है और यहाँ आज तक सड़क नहीं बन सकी है जिसके कारण न सिर्फ बच्चे बल्कि गांव के सभी लोगो को आने जाने के लिए नदी का यही रास्ता अपनाना पड़ता है,,,,, बड़े तो किसी तरह नदी पार कर लेते है मगर बच्चो को नांव से स्कूल भेजने में अभिभावको का हमेशा किसी खतरे का भय बना रहता है।
cross the river by boat
cross the river by boat

 


बूढ़ापारा गाव के आश्रित गाव नवापारा कि ये दशा आज से नहीं बल्कि सालो से ही ऐसी ही है मौषम कोई भी हो मगर इनके आवागमन का साधन यही है ऐसा नहीं कि हर बार ये आसानी से नदी पार कर लेते हो बल्कि कई बार नाव पलटने से हादसे में लोगो कि जान भी जा चुकी है मगर इसके बाद भी इनकी सुध किसी ने नहीं ली है,,,, इस विषय में जब हमने अधिकारियो से बात कि तो उन्होंने मामले को गम्भीरता से लेते हुए इस विषय में जल्द ही कोई पहल करने और रास्ता निकालने कि बात कही ताकि किसी बड़े हादसे से बचा जा सके !
बहरहाल गाव कि इस बेबसी को देखकर कहा जा सकता है कि आज भी कई गाव विकाश से कोशो दूर है ऐसे में जरुरत है सार्थक पहल कि ताकि सचमुच का विकाश हो सके !

 

रामकुमार     छात्र 
स्कुल जाने के लिए नाव से जाते है, हर दिन ऐसे ही जाते है !
खिलावन राम    
बहुत परेशानी है, बच्चो को स्कुल भेजने में डर लगता है !
लालचंद             काले रंग कि टी शर्ट पहने
मज़बूरी है कई बार हादसा हो चुक है !
श्रीकांत दुबे        सहायक आयुक्त    

खतरा बना हुआ है, जल्द ही कोई हल निकालेंगे !