जांजगीर.चाम्पा – सालों से लाइवलीहुड कॉलेज में चल रहे फर्जी प्रशिक्षण का खुलासा हुआ है. कॉलेज के नोडल अधिकारी ने खाली कागजों में ही लाखों करोड़ो का प्रशिक्षण दे दिया है. सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी में इसका खुलासा हुआ है. जमीनी स्तर में फूटी कौड़ी का प्रशिक्षण भी नहीं दिया गया है. जबकि बिल पास कराने के लिए लाखों का फर्जी बिल बनाया गया है. भाजयुमो ने आज सारे सबूतों के साथ कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.
गौरतलब है कि लाइवलीहुड कॉलेज में बेरोजगार युवक-युवतियों और स्व सहायता समूहों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके लिए करोड़ रूपए की राशि कॉलेज को स्वीकृत होती है. जिससे आवश्यक समानों की खरीदी करके प्रशिक्षण दिया जा सके. लेकिन इसी का नजायज फायदा उठाते हुए जिम्मेदार अधिकारी अपनी जेब भरने में लग जाते है. इसी तरह के कारनामें का खुलासा हुआ है.
भाजयुमो ने अपने ज्ञापन में बताया है कि स्व सहायता समूह की महिलाओं को मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण देने के लिए डीएमएफ से 30 मार्च 2021 को प्रशासकीय स्वीकृति आदेश जारी हुआ था जिसमें मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण सह टूल्स प्रदाय कार्य प्रस्तावित था इसके लिए 52 लाख 04500 रूपए की राशि स्वीकृत हुई थी जिसका क्रियावयन एजेंसी जिला परियोजना लाइवलीहुड कॉलेज जांजगीर को बनाया गया था. सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी में लक्ष्य समाज सेवी संस्था डभरा द्वारा सक्ति और बलौदा के दर्जन भर से ज्यादा महिला स्व सहायता समूह के 120 से ज्यादा महिलाओं को मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण व टूल्स प्रदाय करना बताया गया है.
भाजयुमो ने जब इसकी ग्राउंड पड़ताल की तो किसी भी महिलाओं को कोई भी प्रशिक्षण नहीं मिला है. उपस्थिती पंजी में दस्तखत भी फर्जी हुआ है. जिसको जय मां गायत्री स्व सहायता समूह ग्राम पंचायत -नवापारा(ख) व जागृति महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने लिखकर भी दिया है. इन सभी को लेकर भाजयूमो ने आज कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है जिसमें नोडल अधिकारी विजय पाण्डेय को निलंबति करके जांच टीम गठित की मांग की गई है.
लाखों का फर्जी बिल बनाया
भाजयुमो ने बताया कि मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण के लिए टूल्स समान की खरीदी निर्मल फाउंडेशन से की गई है जिससे 34 लाख आठ हजार 6 सौ रूपए की समान खरीदी हुई है. इसके लिए तीन लाख 48 हजार 6 सौ रूपए की 10 कच्ची बिल बिना जीएसटी का अटैच किया गया है. जिससे शासन को लाखों के जीएसटी का नुकसान हुआ है. दूसरी ओर, कच्ची बिल में निर्मल फाउंडेशन पता – छग राज्य ग्रामीण बैंक के उपर कृष्णानंद विहार, डुग्गूपारा बालको नगर कोरबा जिला -कोरबा छग बताया गया है लेकिन उक्त पते पर ऐसा कोई फाउंडेशन मौजूद नहीं है. जो बिल का फर्जी होना बता रहा है.
उपस्थिति पंजी में फर्जी दस्तखत
आरोप है कि जय मां गायत्री स्व सहायता समूह ग्राम पंचायत -नवापारा(ख) विकासखण्ड बलौदा को मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण नही मिला है जबकि उनके नाम से फर्जी दस्तखत किए गए है. समूह की सदस्य दुलेश्वरी बाई , गणेशी बाई व निर्मला बाई अंगूठा लगाती है जबकि मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण के उपस्थिती पंजी में उनका दस्तखत है. जो चार सौ बीसी का प्रकरण बनता है. इसी तरह जागृति महिला स्व सहायता समूह सहित दर्जन भर से ज्यादा महिला समूह को मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण नहीं दिया गया है न ही कोई टूल्स का वितरण किया गया है। बल्कि छल पूर्वक उनके सील साइन का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया गया है