जांजगीर-चांपा। जेल में निरूद्ध बंदी कोविड पेशेंट निकल गया। उसे आकांक्षा कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया था, जो अस्पताल प्रबंधन को चकमा देकर भाग निकला। बड़ी बात यह है कि बंदी तीन दिन पहले भागा है और इस बात की सूचना स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों ने जेल प्रबंधन को नहीं दी थी। अब पुलिस व जेल प्रबंधन के लिए यह मामला सिरदर्द बन गया है।
बड़ी बात यह है कि जेलर ने इसकी रिपोर्ट अब तक थाने में दर्ज नहीं कराई है। क्योंकि कोतवाली थानेदार ने इस संबंध में अनभिज्ञता जताई है। जिला जेल में निरूद्ध लोहर्सी सोन निवासी सरोज कुमार पिता जगदीश लहरे 26 मई को नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में जेल दाखिल किया गया था। 19 सितंबर को बंदी सरोज की तबीयत खराब हो गई। उसे आकांक्षा कोविड परिसर में रखा गया। 20 सितंबर की रात को बंदी सरोज लहरे चुपचाप भाग निकला। बंदी आज तक नहीं आया।
इस दौरान जेल प्रहरियों ने बंदी की जानकारी लेनी चाही, लेकिन स्वास्थ्य महकमा कुछ कह पाने से इनकार कर दिया। इस बात की सूचना जेलर को दी गई।
बंदी को 20 सितंबर को आकांक्षा कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया था। उसके भागने की सूचना तीन दिन बाद बुधवार को दी गई है। मामले की रिपोर्ट लिखाने प्रहरी कोतवाली गया है। अभी तक रिपोर्ट दर्ज क्यों नहीं हुई है इसकी जानकारी ली जा रही।
एसके साहू, जेलर