बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..प्रदेश में अब खाद्य औषधि प्रशासन विभाग के दायरे में सार्वजनिक वितरण प्रणाली ,राईस मिलरों,मंडियों के पंजीकृत व्यापारियों को भी रखा गया है..इसके साथ ही खाद्य औषधि प्रशासन विभाग से अनुज्ञप्ति लेने की शर्त को अनिवार्य कर दिया है..इस सम्बंध में 6 जुलाई 2020 को ही खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने आदेश भी जारी किये है..लेकिन जिले में शासन के आदेश की तामीली होती नजर नही आ रही है..
बता दे कि जिले में 476 शासकीय उचित मूल्य की दुकानें है..लेकिन इन उचित मूल्य के दुकान संचालकों ने सरकारी आदेश के दो साल बीत जाने के बाद भी खाद्य औषधि प्रशासन विभाग से अनुज्ञप्ति लेना उचित नही समझा.. इस सम्बंध में जिला खाद्य अधिकारी एस. बी. कामठे का कहना है..की शासन स्तर पर उचित मूल्य दुकानों व राईस मिलरों को खाद्य औषधि प्रशासन विभाग से अनुज्ञप्ति लेना अनिवार्य कर दिया है..लेकिन किन-किन राईस मिलरों व उचित मूल्य की दुकानों ने अनुज्ञप्ति ली है..इसकी उन्हें जानकारी नही है..खाद्य अधिकारी बताया कि उन्होंने सख्ती के तौर पर दुकान संचालको इस बाबत पत्र भी भेजा है..
वही खाद्य औषधि प्रशासन विभाग के खाद्य सुरक्षा अधिकारी नितेश मिश्रा का कहना है..की जिले के राईस मिलरों ने ही अनुज्ञप्ति ली है..जबकि उचित मूल्य दुकानों व पंजीकृत मंडियों के व्यापारियों ने अनुज्ञप्ति नही ली है..उन्होंने कहा कि उचित मूल्य दुकान के आबंटन के समय ही अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा अनुज्ञप्ति लेने की सख्ती दिखाई गई होती..तो आज यह स्थिति निर्मित नही होती..
बहरहाल शासन के आदेश के बाद भी जिले के जिम्मेदार अधिकारी उसका पालन कराने में नाकाम नजर आ रहे है..गौरतलब है कि खाद्य औषधि प्रशासन के दायरे में खाद्य सामग्रियों के निर्माण से लेकर बिक्री करने वाले रेस्टोरेंट, होटल है..जिन्हें खाद्य औषधि प्रशासन विभाग अनुज्ञप्ति जारी करता है..