जांजगीर-चांपा। जिला मुख्यालय के हाई स्कूल मैदान में लाखों रुपए खर्च कर लाल किला का मॉडल बनाया गया है। लेकिन 26 जनवरी कार्यक्रम के लिए आयोजको ने इसे पर्दे से ढक दिया। अब यह लालकिला औचित्यहीन हो गया है। पूर्व कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला के कार्यकाल में लाखो रुपए बनाने के लिए फूंक दिए थे लेकिन अब यह कोई काम का नहीं रहा। दिल्ली के जिस लाल किले से देश के प्रधानमंत्री शान से राष्ट्रीय पर्व के दिन देश को संबोधित कर राष्ट्रीय ध्वज फहराते है। उसी तर्ज में बना जिला मुख्यालय का लाल किला का अपमान राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर देखने को मिल रहा हैं।
जिला प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय पर्व में राष्ट्र के स्मारक के तर्ज में बने माडल स्ट्रक्चर का अनदेखा करना कहां तक उचित है, यह समझ से परे है। इसके पहले भी राष्ट्रीय पर्वों में इस लाल किला के माडल स्टेक्चर को ढक दिया जाता था। अब शहर में इसको लेकर कर कई प्रकार का चर्चा शुरू हो गया है। आखिर इस लाल किले के मॉडल को राष्ट्रीय पर्व में ढक कर रखना ही था तो बनाया क्यों गया हैं? इसे बनाने में लाखो खर्च तो हुए ही, हाई स्कूल का मैदान और छोटा हो गया, बड़े आयोजन अब इस मैदान में नहीं हो पाता है।