अम्बिकापुर. कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन पिछले डेढ़ महीने से जारी है. इस दौरान अब तक कई किसानों की मौत हो चुकी है. शनिवार को सिंघु बॉर्डर पर 40 साल के एक किसान ने आत्महत्या कर ली. पंजाब के रहने वाले अमरिंदर सिंह ने जहर खा लिया. इलाज के लिए उन्हें सोनीपत के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई. 40 से ज्यादा दिनों से जारी इस आंदोलन के दौरान अब तक कई किसानों की मौत हो चुकी है. कुछ किसानों की ठंड के कारण मौत हुई तो कुछ ने खुदकुशी कर ली.
इन किसानों के सम्मान में युवा कांग्रेस ने अभियान शुरू किया है. कांग्रेस की युवा इकाई ने आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के सम्मान में ‘एक मुट्ठी मिट्टी शहीदों के नाम’ अभियान शुरू कर दिया है.
जिसके तहत आज छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने सरगुजा के दरिमा एयरपोर्ट पर ‘एक मुट्टी मिट्टी’ दिल्ली में आंदोलन के दौरान शहीद किसानों के नाम दान किया. जिसे युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यालय में भेंट किया जाएगा.
भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी के मुताबिक, किसान आंदोलन में 60 से अधिक किसानों की शहादत’ हुई है और उनके सम्मान में यह अभियान आरंभ किया गया है. इसके तहत संगठन के कार्यकर्ता देश के हर जिले से एक मुट्ठी मिट्टी इकट्ठा कर युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यालय को भेंट करेंगे. शहीद’ किसानों के गांव और खेतों से भी मिट्टी लाई जाएगी.
डेढ़ महीने से देश के अन्न दाता दिल्ली की सरहदों पर अपनी जायज़ मांगों के साथ डटे हुए हैं. इस बीच 50 से ज्यादा किसान वीरगति को प्राप्त हुए हैं. हम अपनेपन की एक मुट्ठी मिट्टी उन शहिदों के नाम भेज रहे हैं, जिससे उन शहिदों के वजूद की महक उस तानाशाही सरकार तक पहुँचे जो काला कानून वापस न करने पर आमदा है.
अमरजीत भगत, खाद्य मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन