Surajpur News: छत्तीसगढ़ के अग्रणी न्यूज़ पोर्टल फटाफट न्यूज़ डॉट कॉम की खबर का एक बार फ़िर बड़ा असर हुआ है. दरअसल, सूरजपुर जिले के ग्राम रामनगर में स्थित हाई स्कूल में 10वीं पासआउट बच्चों को ट्रांसफर सर्टिफिकेट (Transfer Certificate) नहीं दिया जा रहा था. प्रबंधन द्वारा बच्चों को हाई स्कूल (High School) में ही कृषि संकाय से पढ़ाई करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था. इस मसले को लेकर फटाफट न्यूज ने “Chhattisgarh: देखिए.. शिक्षा मंत्री जी! आपके गृह जिले में शिक्षा व्यवस्था का हाल, ट्रांसफर सर्टिफिकेट के लिए चक्कर काट रहे बच्चे; टीचरों की मनमानी की भी खोली पोल” नामक शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी. इसे जिला प्रशासन ने संज्ञान में लेते हुए स्कूल प्रबंधन को, जो बच्चे उक्त स्कूल में नहीं पढ़ना चाहते थे. उन्हें टीसी देने के लिए निर्देशित किया. इसके बाद बुधवार को हाई स्कूल रामनगर (Ramnagar) की प्राचार्या सुषमा बखला ने उक्त स्कूल में नहीं पढ़ने के इच्छुक बच्चों को ट्रांसफर सर्टिफिकेट प्रदान दिया.
ये था मामला
छत्तीसगढ़ में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हो चुकी है. विद्यार्थी स्कूल जाना शुरू कर दिए हैं. 10वीं पासआउट बच्चे अपने रुचि के हिसाब से विषय का चयन कर आगे की पढ़ाई करने की तैयारी कर रहे है. लेकिन सूरजपुर जिले में स्थित एक हाई स्कूल प्रबंधन की मनमानी ने कई बच्चों को टेंशन में डाल दिया है. दरअसल, स्कूल प्रबंधन 10वीं पास हो चुके बच्चों को ट्रांसफर सर्टिफिकेट नहीं दे रहा है. प्रबंधन की ओर से यह कहा जा रहा है कि इस वर्ष से हायर सेकंडरी की कक्षाएं लगेंगी, इसलिए यहीं पढ़ाई करना होगा. स्कूल प्रबंधन के इस फरमान ने कई छात्रों को टेंशन में डाल दिया है. क्योंकि जिस हाई स्कूल की प्रिंसिपल कह रही है कि इस वर्ष से यहां हायर सेकंडरी की कक्षाएं लगेंगी. वहां सिर्फ कृषि (Agriculture) संकाय की कक्षाएं ही लगने वाली है. ऐसे में जो छात्र-छात्राएं अपनी रुचि के हिसाब से आर्ट्स, कॉमर्स, साइंस या अन्य विषय से पढ़ाई करना चाहते है. वे परेशान हैं, क्योंकि उन्हें स्कूल की प्रिंसिपल ट्रांसफर सर्टिफिकेट नहीं दे रही है. उनके द्वारा कहा जा रहा है कि यही पढ़ाई करना होगा. (पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें)
Chhattisgarh: देखिए.. शिक्षा मंत्री जी! आपके गृह जिले में शिक्षा व्यवस्था का हाल, ट्रांसफर सर्टिफिकेट के लिए चक्कर काट रहे बच्चे; टीचरों की मनमानी की भी खोली पोल