हाईवा संघ सड़को पर उतर लगाम लगा रहे थे..फर्जी पिट पास पर.. पुलिस और तहसीलदार तक मामला पहुँचते बन गया ओव्हरलोड का..और रॉयल्टी चोरी के खेल में आखिर खनिज विभाग क्यो हो गया मौन?.पढिये पूरी खबर!..

बलरामपुर..जिले में हाइवा संचालक संघ द्वारा फर्जी पिट पास और ओव्हर लोड ट्रको को पकड़ने के बाद भी खनिज विभाग और राजस्व अमले का पसीना छूट रहा है. इसकी बानगी जिले के रामानुजगंज में देखने को मिली..वही तहसीलदार ने तो कलेक्टर के निर्देशो को भी दरकिनार कर दिया है..और अब उनकी एक अलग ही दलील है..

दरअसल 2 अक्टूबर की रात रामानुजगंज में एक ट्रक को हाइवा संघ ने पकड़ा था..और मौके पर पहुँचे तहसीलदार और पुलिस के सुपुर्द कर दिया था..पकड़े गए ट्रक ड्राइवर के कब्जे से फर्जी पिट पास बरामद की गई थी..जिसका मिलान भी किया गया था..और खनिज अमले समेत कलेक्टर को भी इस मामले की जानकारी दी थी..तब कलेक्टर ने इस मामले में खनिज विभाग को कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे..लेकिन उक्त मामले में इन पंक्तियों के लिखे जाने तक कार्यवाही नही गई..और ड्राइव्हर के कही चले जाने की बात निकलकर सामने आई..

वही दूसरा मामला कल यानी 3 अक्टूबर को सामने आया जब एक ओव्हर लोड गिट्टी का परिवहन कर रही ट्रक को हाइवा संघ ने पकड़ा और उसे भी पकड़कर तहसीलदार और पुलिस को सुपुर्द कर दिया..इस मामले में हाइवा संघ का आरोप है..की कई पिट पास ट्रक में मिले जिनकी जांच की जानी थी..लेकिन तहसीलदार भरत कौशिक ने ओव्हर लोड का प्रकरण बनाकर खनिज विभाग को भेज दिया !..

रामानुजगंज के तहसीलदार भरत कौशिक के मुताबिक उन्हें दोनो ट्रक ओव्हर लोड मिले और पिट पास नही मिला और उन्होंने एक ट्रक पर कार्यवाही की है..जबकि दूसरे ट्रक के चालक का बयान नही हो पाया है..और अब सबसे बड़ा सवाल यही है..की 2 अक्टूबर की रात पुलिस के सुपुर्द ट्रक और ट्रक चालक को किया गया था..और उनके पास फर्जी पिट पास भी थी..खुद ट्रक चालक ने स्वीकार किया था..की उसे इस तरह का पिट पास वाहन स्वामी ने ही दिया था..तब वह पुलिस की निगरानी से कैसे भाग गया?..और मौके पर मिला पिट पास आखिर कहा गया?..सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि हाइवा संघ ने दोनों वाहनो से मिले पिट पास की फोटो कॉपी कराकर अपने पास रख ली थी..तो आखिर पुलिस और राजस्व अमले के बीच से पिट पास कहा चले गया..

जबकि रामानुजगंज के उप निरीक्षक के मुताबिक दोनो ही वाहन तहसीलदार को सुपुर्द किया गया था..अब सबसे बड़ा सवाल यह है..की दोनो वाहनो में मिले फर्जी पिट पास आखिर कहा गए!..

कलेक्टर संजीव कुमार झा ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए खनिज अमले को आवश्यक दिशा निर्देश देकर ट्रको में मीले पिट पास की जांच कर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे..और आश्वस्त किया था..की इस मामले में खनिज विभाग एफआईआर दर्ज कराएगा.. क्योंकि यह गम्भीर मामला है..मगर साहब के निर्देश के बाद अब मामला फर्जी पिट पास से ओव्हर लोड का बन गया है..जिसमे कार्यवाही के नाम पर महज जुर्माना ही होगा..

बता दे कि यह पूरा मामला रॉयल्टी चोरी का है..जिससे स्थानीय प्रशासन को ही नुकसान हो रहा है..और ऐसे मामलों की धर पकड़ खुद खनिज विभाग को करनी थी..मगर हाइवा संघ के तत्परता दिखाने के बाद भी खनिज विभाग कार्यवाही से पीछे हट जा रहा है..

बलरामपुर जिले से झारखण्ड,मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश की सीमाएं सटी हुई है..और तो और उत्तरप्रदेश की सीमा पर धनवार में खनिज चेक पोस्ट भी है..बावजूद इसके खनिज विभाग के नाक नीचे से धड़ल्ले से बगैर पिट पास,फर्जी पिट पास,ओव्हरलोड गिट्टी का परिवहन हो रहा है..जो खनिज विभाग के कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा देता है..जबकि खनिज अमला चेक पोस्ट में लगातार इस तरह की कार्यवाही करें तो कई मामलों का खुलासा हो सकता है!..

इसके अलावा हाल ही के दिनों में राजपुर में एक फर्जी पिट पास का मामला सामने आया था..जिसमे क्रेशर संचालको ने तत्परता दिखाते हुए एफआईआर दर्ज कराया था..तब भी खनिज अमले ने मामले में कार्यवाही करने में आनाकानी की थी..लेकिन बाद में पुलिस ने इस मामले में 2 लोगो को गिरफ्तार किया था..