क्रांति रावत, उदयपुर। थाना उदयपुर क्षेत्र में रिसर्च इंडिया कंपनी के नाम से बेरोजगारों से दस-दस हजार रुपये लेकर नियुक्ति पत्र दिया गया था। लोगों को जब पता चला कि इस तरह की कोई कंपनी ही नहीं है और नौकरी के लिए दिया गया नियुक्ति पत्र भी फर्जी है, तो प्रार्थी सरोज दास, कुमारी सविता, पदमा प्रधान, नारायण, तनवीर सहित अन्य लोगों के द्वारा वर्ष 2017 में उदयपुर थाने में 2 लोगों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कराया गया था। पुलिस द्वारा मामले में उदयपुर थाना क्षेत्र के लक्ष्मणगढ़ निवासी अवधेश लाल चौधरी को 2017 में ही गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
परंतु उक्त प्रकरण का एक और मुख्य आरोपी राजू रात्रे 2017 से ही फरार चल रहा था। जिसकी पतासाजी उदयपुर पुलिस द्वारा लगातार की जा रही थी। इसी बीच उदयपुर पुलिस को सूचना मिली कि राजू रात्रे जांजगीर जिले के बिर्रा थाना क्षेत्र में देखा गया है। जिस पर उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त करते हुए थाना प्रभारी अलरिक लकड़ा द्वारा एक टीम जांजगीर जिले के लिए टीम रवाना किया गया। जहां जांजगीर जिले के बिर्रा थाना क्षेत्र से उसे गिरफ्तार कर उदयपुर लाया गया। कागजी कार्यवाही पूर्ण करने के पश्चात पुलिस ने उसे आज न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।
उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी अलरिक लकड़ा, सहायक उप निरीक्षक अजित मिश्रा, प्रधान आरक्षक विवेक पांडेय, मदन गोपाल परिहार, सतीश सिंह, आरक्षक अमित विश्वकर्मा संजीव पाण्डेय सिकंदर आलम लाखन सिंह सक्रिय रहे।
इस बारे में बात करने पर थाना प्रभारी अलरिक लकड़ा ने बताया कि उदयपुर थाने में 2017 में अपराध पंजीबद्ध हुआ था। इस मामले में धारा 420, 467, 468, 471 तथा 120 ‘बी’ का अपराध पंजीबद्ध किया गया था। जिसमें बेरोजगारों से नौकरी के नाम पर दस दस हजार लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र दिया गया था। जांच में नियुक्ति पत्र तथा कंपनी दोनों फर्जी पाए गए। मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर पूर्व में जेल भेजा जा चुका था। अब एक आरोपी राजू उर्फ आर एस रात्रे को गिरफ्तार कर आज न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है।