- सरपंच सहित दर्जन भर से अधिक लोगों ने घर में घूसकर युवक को पीटा।
- अस्पताल ले जाते समय रास्ते में हुई घायल युवक की मौत।
- शव वापस आने के बाद परिजनों व ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे क्रमांक 43 में किया चक्काजाम।
- घटना की रिपोर्ट न लिखे जाने का लगा पटना पुलिस पर आरोप
- पटना थाना प्रभारी को निलंबित किए जाने की ग्रामिणों ने की मांग
- उपपुलिस अधीक्षक के आश्वासन के बाद चक्का जाम हुआ समाप्त
- दो दिनों में कार्यवाही नहीं हुई तो ग्रामिण करेंगे थाना का घेराव
- चक्काजाम कर रहे गुस्साए ग्रामिणों को देखते हुए तत्काल पुलिस द्वारा चार आरोपियों को किया गया गिरफ्तार।
कोरिया (J.S.ग्रेवाल की रिपोर्ट)
मारपीट से घायल युवक की मौत से नाराज परिजनो और स्थानिय लोगो नें नेशनल हाईवे क्रमांक 43 पर चक्का जाम कर दिया! जिले के पटना थाना से करीब डेढ फर्लांग की दूरी पर स्थित ड़कई पारा में दो घंटे तक परिजनों सहित ग्रामीणों ने चक्काजाम कर दिया। गुस्साई भीड़ 2 घंटे तक पुलिस प्रषासन मुर्दाबाद के नारे लगाते रही। उप पुलिस अधिक्षक बीएन शर्मा के द्वारा लापरवाही बरते जाने वाले थाना प्रभारी पर उचित कार्यवाही व आरोपियों को तत्काल पकड़ने का आश्वासन देने के बाद चक्का जाम आंदोलन समाप्त हुआ और पटना पुलिस हरकत में आकर तत्काल सरपंच सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर थाने ले आई जिसके बाद रास्ते से मृतक के शव को पुलिस की गाड़ी में रखकर पीएम के लिए पुलिस द्वारा ले जाया गया। घटना से गांव में शोक के साथ साथ पुलिस के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है। दो दिनों के भीतर अगर पुलिस विभाग के आला अधिकारियों के द्वारा थाना प्रभारी पर उचित कार्यवाही नहीं की जाएगी व सभी आरोपियों को पकड़ा नहीं जाएगा तो दो दिनों के बाद ग्रामिणों के द्वारा पटना थाना का घेराव किया जाएगा
इस संबंध में परिजनों ने बताया कि गुरूवार को भोर में करीब साढ़े चार बजे मुहल्ले में निवासरत ग्रामीण बलराज सिंह की पत्नी के द्वारा दरवाजा खुलवाया गया। दरवाजा खोलते ही घर के भीतर मदन, सुषील पैकरा सरपंच, अनिल, शक्ति, आषीष देवांगन, पप्पु, छोटू व साथ में आए अन्य 15 लोग प्रवेश कर गए और गाली गलोच देते हुए सभी सदस्यों को धमकाते हुए कि सभी को आग लगा कर मार देंगे और बगल के कमरे में सो रहे भक्तवत्स उर्फ दुर्गेष 23 वर्ष पर ताबड़ तोड़ प्रहार करना शुरू कर दिए। घसीटते हुए घर से करीब ढ़ाई सौ मीटर दूर ले गए वहां भी दुर्गेष के बेहोष होते तक उसे मारते रहे। दुर्गेष के परिजनों ने बचाने का प्रयास किया लेकिन आरोपियों ने उन्हें भी धक्का देकर वहां से हटा दिया।
परिजनों द्वारा सुबह 5 बजे पटना पुलिस को सूचना देते हुए भक्तवत्स उर्फ दुर्गेष 23 वर्ष को बचाने की गुहार लगाई गई लेकिन पुलिस थाने में मौजुद पुलिस ने यह कहकर घटना स्थल पर जाने से इंकार कर दिया कि सभी पुलिस कर्मी रात में गष्त करके लौटे हैं इसलिए अभी नहीं जाऐंगे आप लोग ईलाज करा लो बाद में रिपोर्ट लिख लेंगे। परिजनों ने घायल अवस्था में दुर्गेश को पटना चिकित्सालय लाया गया जहां स्थिति अतिगंभीर होने के कारण 108 संजीवनी एक्सप्रेस को बुलाकर तत्काल अम्बिकापुर चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया गया वहां दुर्गेष की हालत गंभीर होने की वजह से अम्बिकापुर के चिकित्सालय से भी रायपुर के लिए रेेफर कर दिया गया, रायपुर ले जाते समय रास्ते में ही दुर्गेष की मौत हो गई। सुबह दुर्गेष के शव को गृह निवास ड़कई पारा लाया गया जिसकी जानकारी गांव के लोगों को हुई उसके बाद एक एक कर ग्रामीण दुर्गेष के घर में इकट्ठा हो गए और दुर्गेष के साथ हुई इस दर्दनाक घटना व पटना पुलिस के द्वारा बरती गई लापरवाही से आक्रोषित होकर परिजनों व ग्रामिणों ने घर के सामने स्थिति नेषनल नेषनल हाईवे क्रमांक 43 में शव को रखकर शव के दोनों तरफ टायर जलाकर चक्काजाम आंदोलन करते हुए आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी एवं पटना थाना प्रभारी जेएस कंवर को निलंबित किए जाने की मांग पर अड़ गए।
चक्काजाम आंदोलन की जानकारी पटना पुलिस के साथ साथ संबंधित आला अधिकारियों को लगी उसके बाद चक्काजाम स्थल पर पटना पुलिस व उप पुलिस अधिक्षक बीएन शर्मा दल बल के साथ पहुंचे और पीडित परिवार के सदस्यों के साथ साथ आक्रोशित ग्रामिणों को समझाईष देकर आंदोलन खत्म करने की समझाईश दी गई लेकिन परिजनों सहित आक्रोषित ग्रामिण आरोपियो की तत्काल गिरफ्तारी और थाना प्रभारी जेएस कंवर को निलंबित किए जाने की मांग पर अड़े रहे और पुलिस प्रषासन मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे। बेकाबू होती भीड़ को देखते हुए उप पुलिस अधीक्षक बीएन शर्मा के द्वारा जिला मुख्यालय से 100 पुलिस कर्मियों का दल घटना स्थल पर भेजने की सूचना मोबाईल से दी गई इस बात की जानकारी लगने पर ग्रामिण और अधिक आक्रोषित हो गए। ग्रामीणों के बढ़ते आक्रोष को देखते हुए उप पुलिस अधीक्षक बीएन शर्मा ने फिर से परिजनों व आक्रोषित ग्रामिणों से बात कर थाना प्रभारी पर उचित कार्यवाही व आरोपियों को तत्काल पकड़ने का आष्वासन देते हुए पटना पुलिस को आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए भेजा गया। वहीं पुलिस ने धारा 302, 147, 148, 149, 452 आई पीसी पंजीबद्व कर ड़कई पारा सरपंच सुषील सहित शक्ति कुमार, मदन मोहन, ऋषिकेष को गिरफ्तार किया गया वहीं अन्य आरोपियों की तलाष पुलिस द्वारा की जा रही है।
यह है घटना का प्रमुख कारण
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक सरपंच सुशील पैकरा के परिवार की किसी महिला का मृतक के साथ अवैध संबंध था जिस बात को लेकर मृतक से मारपीट की गई जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई।
पुलिस पर लापरवाही आरोप
परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि अपने बच्चे को बचाने के लिए हमने 5 बजे भोर में पुलिस के पास गुहार लगाए उसके बाद भी पुलिस मौके पर जाने के बजाए परिजनों को यह कहकर वापस भेज दिया कि अभी तो हम गश्ती से वापस आए है अभी कोई नहीं जा सकता। दूबारा रिपोर्ट लिखाने परिजन जब पटना थाना पहुंचे तो उस समय यह कहकर फिर से वापस भेज दिया गया कि लिखित आवेदन में जो आप लोगों ने यह बात लिखी है कि अभी गष्त करके लौटे हैं अभी नहीं जा पाऐंगे इस लाईन को हटा दिजिए फिर इस रिपोर्ट को ले लेंगे। इस तरह से पटना पुलिस द्वारा इस मामले में पूरी तरह से लापरवाही बरती गई है।
थाना प्रभारी को निलंबित करने की मांग
आक्रोषित ग्रामिणों व परिजनो ने उपपुलिस अधिक्षक बीएन शर्मा व नायब तहसीलदार पटना अनुज पटेल के सामने रोष व्यक्त करते हुए यह कहा कि थाना प्रभारी जेएस कंवर का स्थानांतरण नहीं उसे तत्काल निलंबित किया जाना चाहिए ताकि इस तरह की घटना क्षेत्र में दुबारा न हो सके। ग्रामीणों ने अधिकारियों को यह भी बताया कि इससे पहले भी थाना प्रभारी जेएस कंवर की लापरवाही के कारण पटना अस्पताल की वार्ड आया की हत्या हो गई उसके भी आवेदनों पर थाना प्रभारी ने गंभीरता नहीं दिखाए यही उस वार्ड आया की मौत का कारण बना था अगर थाना प्रभारी के द्वारा इस तरह की लापरवाही न बरती गई होती तो दुर्गेष एवं वार्ड आया की जान बच गई होती इसलिए ऐसे थाना प्रभारी का स्थानांतरण करने के बजाए सीधे निलंबित कर देना चाहिए।
पुलिस की हुई किरकिरी
चक्काजाम स्थल पर आक्रोषित ग्रामिणों व शोक संतप्त परिवार को समझाईष देने पहुंचे उपपुलिस अधिक्षक बीएन शर्मा, नायब तहसीलदार अनुज पटेल ने जब लोगों को ओदोलन खत्म करने की समझाईष दे रहे थे उस समय आक्रोषित भीड़ पुलिस प्रषासन मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए कहा कि पुलिस उस समय घटना स्थल पर क्यो नहीं पहुंची जिस समय रिपोर्ट लिखाने गए थे। थाना में मामला पहुंचने के बाद घटना व मामला दोनों को दबा दिया जाता है आखिर क्यों इस तरह से आक्रोषित भीड़ के सवालों का जवाब भी अधिकारी नहीं दे पाए और चुप हो गए। इसी बीच थाना प्रभारी जेएस कंवर भी घटना स्थल पर पहुंचे उस समय भीड़ और अधिक आक्रोषित हो गई और थाना प्रभारी को घेर लिए जिन्हें पुलिस के अन्य जवानों के द्वारा बाहर निकालकर वापस थाना भेजा गया।
नेशनल हाईवे जाम होने से हुई परेशानी
नेशनल हाईवे क्रमांक 43 सड़क में पटना थाना से एक फर्लांग की दूरी ग्राम पंचायत ड़कई पारा में सुबह 8.30 बजे से 10.30 बजे तक मृतक युवक दुर्गेष के शव को सड़क में रखकर किए जा रहे चक्का जाम आंदोलन के कारण आंदोलन स्थल के दोनों तरफ दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों की कतार लग गई थी वहीं कटकोना एवं पाण्ड़वपारा की स्कुल बस को भी खड़ा रहना पड़ा। बस में बैठे बच्चों ने बताया कि आज उनका परिक्षा है जिसके लिए वे लेट हो रहे हैं हालाकी करीब आधा घंटा बाद बस चालक के द्वारा बस को घुमार दुसरे रास्ते से बच्चों को स्कुल पहुंचा दिया गया। इस तरह से दो घंटे तक बसों में बैठे यात्री, स्कूली बच्चे व अन्य राहगीर परेषान होते रहे।
उप पुलिस अधीक्षक को लिखित में देना पडा आश्वासन
आक्रोशित ग्रामिणों के आक्रोष को शांत कराने में असफल हो रही पुलिस को देखते हुए ऐसी स्थिति निर्मित हो गई कि पुलिस को अतिरिक्त पुलिस बल मंगाना पड़ गया बात उससे भी नहीं बनी। आक्रोषित भीड़ ने एक स्वर में कहा कि पुलिस आष्वासन देना ही जानते हैं अपने आष्वासन को पूरा नहीं करते कब कहां मुकर जाऐंगे यह नहीं पता हमें लिखित में थाना प्रभारी जेएस केवर पर उचित कार्यवाही एवं आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने का आष्वासन चाहिए और अंत में उप पुलिस अधिक्षक बीएन शर्मा ने थाना प्रभारी जेएस केवर पर उचित कार्यवाही एवं आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने का आष्वासन ग्रामीणों को दिया तब जाकर किसी तरह से आक्रोषित भीड़ शांत हुई।