अम्बिकापुर ट्राफिक व्यवस्था के लिहाज से बेतरतीब होते जा रहे स्वच्छ अम्बिकापुर को व्यवस्थित करने के उद्देश्य से निगम प्रबंधन बडा फैसला ले सकती है। निगम से जुडे एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि के मुताबिक शहर की बदहाल ट्राफिक व्यवस्था के लिए शहर मे संचालित बैंक और शादी घर सबसे अधिक जिम्मेदार है। लिहाजा इन पर निगम प्रबंधन नियमो के तहत कोई बडी कार्यवाही के मूड मे नजर आ रहा है।
निगम मे पत्रकारो से औपचारिक चर्चा के दौरान निगम सभापति शफी अहमद ने बताया कि अम्बिकापुर निगम को स्वच्छ और समृद्द बनाने के लिहाज से कुछ ही दिनो मे बडा फैसला लिया जा सकता है। इस फैसले के पहले चरण मे निगम क्षेत्र मे संचालित सभी बैंको और शादीघर संचालको को नोटिश भेजने की तैयारी की जा रही है, जिसमे इन सभी संस्थाओ को अपने संस्थान के संचालन के लिए विधिवित पार्किंग बनाने की बात लिखी जाएगी। जिसके 15 दिन बाद निगम प्रबंधन इन संस्थानो पर निगम अधिनियम के तहत कार्यवाही करने की योजना मे है।
दरअसल अम्बिकापुर निगम अपने स्वच्छता अभियान के लिए प्रदेश मे ही नही बल्कि पूरे देश मे सराहा जा चुका है और कई बार पुरुष्कृत भी हो चुका है। लेकिन बढती जनसंख्या और व्यापार की वजह से निगम क्षेत्र की अधिकांश सडके मे ट्राफिक व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है। यही वजह है कि भविष्य मे अम्बिकापुर निगम की सुंदरता को बनाए रखने के लिहाज से निगम प्रबंधन कुछ बडे फैसले लेने के मूड मे आ गया है। इससे ट्राफिक व्यवस्था मे सेंध लगाने वाले अधिकांश बैंक और शादीघर पर दोहरा संकट खडा हो सकता है और निगम की आय़ मे इजाफा हो सकता है।
अवैध मोबाईल टावर भी निशाने पर
जानकारी के मुताबिक निगम क्षेत्र मे अधिकांश मोबाईल टावर संचालक कंपनी के लोग नगर निगम को कुछ किराया पटा कर बडी ही चालाकी से एक ही टावर मे चार-पांच कंपनी के बीटीएस लगा लेते है और निगम को केवल एक ही टावर का किराया मिल पाता है। जिससे निगम को प्रतिवर्ष लाखो रुपए का नुकसान हो रहा है। जिसको देखते हुए निगम प्रबंधन ऐसे मोबाईल टावर और कंपनी पर भी कार्यवाही के मूड मे है।
बढेगी आय
निगम द्वारा संभावित इस कार्यवाही के बाद ना केवल निगम क्षेत्र की बदहाल ट्राफिक व्यवस्था पटरी मे आ जाएगी ,बल्कि कंगाली के दौर से गुजर रहा निगम की अर्थ व्यवस्था भी सुधर सकती है। जानकारी के मुताबिक आर्थिक संकट से गुजर रहे अम्बिकापुर नगर निगम का प्रबंधन अपनी आय़ बढाने के लिए भले ही कोई बडा काम ना कर रहा हो , लेकिन निगम सभापति की इस योजना के बाद कुछ हद तक निगम की आय मे इजाफा होगा ये तो तय है।