बलरामपुर (कृष्ण मोहन कुमार) जाबर पंचायत के मगर हारा पारा में ईसाई समुदाय का कब्रिस्तान अपना अस्तित्त्व खोने के कगार पर है,कब्रिस्तान के बाजू से ही निकले पचावल नाले में मिट्टी के कटाव के चलते कब्रिस्तान में दफ्न लाशें बहने के कगार पर है,और नाले में तटबन्ध निर्माण कराने की दरकार है,वही स्थानीय प्रशासन अब नींद से जागा है,और मौके का मुआयना करने की बात कह रहा है।
बलरामपुर जिला मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत जाबर के मगर हारा पारा में सड़क किनारे बरसो पुराना मसीही समाज का कब्रिस्तान है,और कब्रिस्तान के ठीक बाजू से गुजरने वाली पचावल नाले में मिट्टी का कटाव होने के चलते कब्रिस्तान पर संकट के काले बादल मंडराने लगे है,यही नही समाज के लोगो ने कब्रिस्तान को बचाये रखने कई बार प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी ,बावजूद इसके इस कब्रिस्तान की सुध प्रशासन ने नही ली।
लोक सुराज की अर्जी पर कार्यवाही
वही इसी वर्ष प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित लोक सुराज शिविर में भी मशीही समाज के लोगो ने कब्रिस्तान को संग्रहित करने की अर्जी लगाई थी,लेकिन लक्ष्य समाधान के इस शिविर से भी उन्हें कोई लाभ नही मिल सका,और मशीही समाज मायूस होकर अब प्रशासन से इस सम्बन्ध में राहत की उम्मीद भी छोड़ छोड़ चुका हैं।
अब मौके पर जाएंगे अधिकारी
कब्रिस्तान को संग्रहित करने के मामले में कलेक्टर साहब का कहना है,की वे सम्बन्धित अधिकारियों को भेजकर स्थल निरीक्षण करवाएंगे,और जरूरत पड़ने पर नाले में तटबन्ध का निर्माण कराया जाएगा,जिससे कब्रिस्तान के कब्रगाह में दफ्न लाशें सुरिक्षत रह सके।
छोटे कर्मचारियों की वजह से हो गई किरकिरी
प्रदेश सरकार ने बड़े ही तामझाम के साथ मौके पर लोगो की समस्या का निराकरण करने के उद्देश्य से लोक सुराज अभियान लक्ष्य समाधान का आयोजन किया था,लेकिन लोगो को इस अभियान का पूरा लाभ नही मिल सका,और इसकी वजह शायद निचले तबके के अधिकारी कर्मचारी हो सकते है,जिसके चलते सूबे के मुखिया के इस अभियान की किरकिरी हुई। बहरहाल मामला कलेक्टर साहब के संज्ञान में है,तो उम्मीद है कि कब्रिस्तान का अस्तित्व बच जाएगा,लेकिन यह कब तक सम्भव हो पायेगा,इसका जवाब कलेक्टर साहब के पास ही सुरक्षित है।