बलरामपुर…(कृष्णमोहन कुमार)…बलरामपुर जिले में मकर सक्रांति पर्व पर आयोजित होने वाला एक मात्र महोत्सव “तातापानी महोत्सव” पिछले दो वर्षों की तरह ही इस वर्ष भी आयोजित नही किया जा रहा है…और सम्भावित कोरोना की तीसरी लहर की मार का असर इस महोत्सव पर भी दिख रहा है!..
दरअसल कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों के बीच जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर जिले में आयोजित होने वाले सार्वजनिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है..और इसी के तहत छत्तीसगढ़ के पर्यटन मानचित्र पर उल्लेखित करने के उद्देश्य से आयोजित किया जाने वाले तातापानी महोत्सव पिछले दो वर्षों की तरह ही इस वर्ष भी आयोजित नही किया जा रहा है..
तातापानी के शिव मंदिर प्रांगण के बाहर आज सुबह से ही श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगने लगा था..लेकिन मंदिर प्रांगण के पट बन्द रहे ..
बता दे कि जिले में स्थित भूजल ताप संयंत्र के रूप में प्रसिद्ध तातापानी में मकर संक्रांति पर्व पर मेले का आयोजन किया जाता रहा है..यही नही तातापानी मे भूमिगत गर्म जल स्त्रोत के पानी में स्नान करने से विभिन्न प्रकार के चर्म रोगों से निजात मिलने की मान्यता है..यही नही तातापानी को लेकर कई प्राचीनतम कहानियां भी है..कहा जाता है कि भगवान श्री राम अपने वनवास के दौरान ग्राम तातापानी के पास ही स्थित रामचौरा पहाड़ पर पहुँचे थे..
वही तातापानी को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन विगत कुछ वर्षों से सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ तातापानी महोत्सव का आगाज करते आ रहे है..जहाँ जिले से सटे पड़ोसी राज्यो उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश व झारखंड से भी श्रद्धालु पहुचते है!..