रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देश के प्रसिद्ध फुटबॉलर व क्रिकेटर चुन्नी गोस्वामी के निधन पर गहरा शोक जताया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि गोस्वामी के निधन से भारतीय खेल जगत को अपूरणीय क्षति हुई है. उन्होंने गोस्वामी के शोक-संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हुए ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है. 82 वर्षीय चुन्नी गोस्वामी का निधन आज गुरूवार शाम को कोलकोता में दिल का दौरा पड़ने की वजह से हो गया.
चुन्नी गोस्वामी अर्जुन अवार्ड एवं पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित देश के प्रसिद्ध खिलाड़ी रहे. वर्ष 1962 में उनकी कप्तानी में भारतीय फुटबॉल टीम ने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था. गोस्वामी फुटबॉल के साथ-साथ प्रथम श्रेणी क्रिकेट के भी खिलाड़ी रहे हैं. वर्ष 1971-72 में उनकी कप्तानी में बंगाल की टीम ने रणजी का फाईनल मैच खेला था.
चुन्नी गोस्वामी का जन्म अविभाजित बंगाल के किशोरगंज ज़िले में हुआ था जो अब बांग्लादेश में है. उनका असल नाम सुबिमल गोस्वामी था मगर वो अपने छोटे नाम से ही जाने जाते रहे.वे कोलकाता के प्रख्यात मोहन बागान क्लब के लिए खेला करते थे और 1960 से 1964 तक वे टीम के कप्तान रहे. गोस्वामी ने 1956 से 1964 के बीच भारत के लिए 50 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जिनमें 1960 का रोम ओलंपिक भी शामिल है.
वे क्रिकेटर भी थे और उन्होंने बंगाल की ओर से प्रथम श्रेणी के मैच भी खेले थे. 1962 से 1973 के बीच गोस्वामी ने बंगाल की ओर से 46 फ़र्स्ट क्लास मैच खेले.1971-72 में चुन्नी गोस्वामी को बंगाल की रणजी टीम का कप्तान भी बनाया गया.उनकी कप्तानी में बंगाल की टीम उस साल रणजी ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल तक पहुँची थी जहाँ वे बॉम्बे की टीम से हारे.चुन्नी गोस्वामी को 1963 में अर्जुन पुरस्कार और 1983 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया.