बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..बलरामपुर में 24 दिसम्बर को दर्रीडीह स्थित गिरिजाघर में ईसाई समुदाय के लोग एकत्रित हुए. और फादर लौरेन्स कुजूर, सहायक फादर जेम्स कुजूर, मंजीत कुजूर, जोहन खलको की अगुवाई में समारोही प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. इस दौरान समुदाय के लोगो ने अपने मुक्तिदाता प्रभु ईसा मसीह को याद किया.
क्रिसमस ईसाई धर्म का सबसे प्रमुख त्योहार है. 25 दिसंबर को हर साल क्रिसमस डे मनाया जाता है. लेकिन क्रिसमस सेलिब्रशन की शुरुआत एक दिन पहले से ही यानी 24 दिसंबर से ही शुरू हो जाती है. इस दिन को ईसाई धर्म के लोग यीशु मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं. काफी लंबे समय तक क्रिसमस केवल पश्चिमी और ईसाई बाहुल्य देशों तक ही सीमित था. लेकिन अब इसे भारत में भी ईसाई धर्म सहित सभी धर्म के लोग मनाते हैं.
क्रिसमस डे को मनाने के पीछे की यह मान्यता है कि ईश्वर ने अपने बेटे को लोगों को पाप से मुक्त कराने के लिए भेजा था. ऐसा कहा जाता है कि लोगों को पाप से मुक्त कराने के लिए ईसा मसीह ने अपने प्राण की आहूति दी थी.