कुपोषित बच्चों को बच्चा वार्ड से निकाल देंती हैं स्टाफ नर्से…

 

[highlight color=”black”]अम्बिकापुर[/highlight] [highlight color=”red”]देश दीपक “सचिन”[/highlight]

 

[highlight color=”blue”]खबर के बाद यह बात आई सामने,[/highlight]

 

[highlight color=”blue”]इसी अव्यवस्था का शिकार हुआ था बेसहारा कुपोषित शिशु,[/highlight]

दो दिन पूर्व जिला अस्पताल सह मेडिकल कॉलेज में बेसहारा कुपोषित शिशु की मौत में बरती गई लापरवाही का सच आज सामने आ गया। पूरक पोषण पुर्नवास केन्द्र से बच्चा वार्ड तक पहुंचे कुपाषित बच्चों को बाहर निकाल दिया जाता है। यह खुलासा पोषण आहार केन्द्र के स्टाफ ने किया है। शायद शनिवार को बच्चा वार्ड में दाखिल किया गया बेसहारा कुपोषित शिशु आदर्श इसी अव्यवस्था का शिकार हुआ था। यह जानकारी कई चिकित्सकों है, अलबत्ता इसकी शिकायत भी उपर के अधिकारियों तक की जा चुकी है। परंतु न तो अधिकारियों ने बच्चा वार्ड की इस अव्यवस्था पर ध्यान दिया और न ही इस वार्ड की स्टाफ  नर्सो की हटधर्मिता दूर हो सकी है।

 

आलम यह है कि पूरक पोषण पुर्नवास केन्द्र से बच्चा वार्ड भेजे जा रहे कुपोषित बच्चे व उनकी माताएं वापस आकर केन्द्र में स्टाफ के सामने गिड़गिडाने को मजबूर हैं। पुष्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बच्चा वार्ड की स्टाफ नर्सो का यह कहना होता है कि जब तुम्हारा उपचार पुर्नवास केन्द्र में चल रहा है तो फिर बच्चा वार्ड में आने क्या मतलब है। इस अव्यवस्था से न सिर्फ केन्द्र के लोग परेशान है बल्कि इसका खामियाजा मासूम कुपोषित बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। एक कुपोषित बच्चे की मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की नींद नहीं खुली है, और इस अव्यवस्था को लेकर न तो कोई कड़े निर्देश दिये जा रहे है और न ही इस बड़ी समस्या पर कोई मंथन किया जा रहा है। बहरहाल अव्यवस्था का यह सिलसिला बदस्तूर जारी है।