रायपुर
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और फिल्म अभिनेत्री करीना कपूर आज शुक्रवार को बाल अधिकार सम्मेलन सप्ताह के समापन समारोह में शामिल हुए। प्रदेश के 28 शिक्षा जिलों के 36 विभिन्न स्कूलों की 31 प्रतिभावान बालिकाओं और पांच शिक्षिकाओं को ‘छत्तीसगढ़ रत्न’ अलंकरण से सम्मानित किया। अब तक फिल्मो में दिखने वाली नायिका के हाथो ये सम्मान पाने की उत्सुकता नौनिहालो में साफ नजर आई। इधर मुख्य अतिथि की आसंदी से समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बेटीयों का सम्मान बढ़ाने के लिए वचनबद्ध है और इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों के अधिकारों के संरक्षण की जिम्मेदारी सरकार के साथ-साथ समाज की भी है।
‘छत्तीसगढ़ रत्न’ अलंकरण से सम्मानित करने के दौरान छात्र छात्राओ के साथ करीना नें सेल्फी भी ली। साथ ही अपने उद्बोदन में ये भी कहा कि जितना प्यार मुझे छत्तीसगढ में मिला है उतना प्यार और कंही नही मिला। चाहे वो देश में हो या फिर विदेश में । इधऱ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के लिए गौरव की बात है कि छत्तीसगढ़ में लिंगानुपात देश में केरल के बाद सबसे बेहतर है। समारोह की अध्यक्षता स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने की। महिला एवं बाल विकास मंत्री रमशिला साहू, संसदीय सचिव द्वय रूपकुमारी चौधरी, अम्बेश जांगड़े, छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष शताब्दी पाण्डेय और रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव विशेष अतिथि के रूप में समारोह में उपस्थित थे। समारोह में यूनीसेफ की ओर से फिल्म अभिनेत्री करीना कपूर भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने समारोह में स्कूलों में बच्चों और शिक्षिकों की उपस्थिति की ऑनलाईन मॉनिटरिंग के लिए वेब आधारित एप्लीकेशन ‘सीजी एज्युट्रैक’ का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि बालिकाओं सहित बच्चों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के उददेश्य से अनेक योजनाएं राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही है। बस्तर से सरगुजा तक बेटियों को बेहतर आवासीय सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। बेटियों को कक्षा एक से बारह तक निःशुल्क शिक्षा और गरीब परिवार के बेटियों को उच्च शिक्षा बीए, बीएससी मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई के निःशुल्क व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा सहित समाज के सभी क्षेत्रों के छत्तीसगढ़ की बेटियों ने अपना सम्मानजनक स्थान बनाया है। उन्होंने कहा कि भ्रूण हत्या और बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराईयों को रोकने के लिए राज्य वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए देश भर में चलाया जा रहा यह अभियान अवश्य सफल होगा। स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की बेटियां यदि तय कर ले, तो हर क्षेत्र में सफल हो सकती हैं। बेटियों के भविष्य को सुधारने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम भी मिल रहे हैं। सरस्वती सायकल योजना के क्रियान्वयन से बेटियों के स्कूल छोड़ने की दर में काफी कमी आयी है।
श्री कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ में माध्यमिक शिक्षा में बेटियों की उपस्थिति बढ़कर 93 प्रतिशत हो गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में संचालित 93 कस्तूरबा विद्यालयों, 14 कन्या परिसरों और 1260 कन्या छात्रावास आश्रमों में लगभग एक लाख बेटियों को शिक्षा के लिए आवासीय सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि वनांचलों में पांच सौ सीटों वाले 28 छात्रावासों का निर्माण किया जा रहा है। यूनिसेफ इंडिया की सेलीब्रिटी एडव्होकेट श्रीमती करीना कपूर ने समरोह में कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं और बेटियां भारत का गौरव हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना एक चुनौती है। यह खुशी की बात है कि इस क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में काफी अच्छे कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने बेटियों का आव्हान किया कि वे जीवन में अच्छी शिक्षा प्राप्त कर आगे बढ़ने का संकल्प लें।
स्कूल शिक्षा सचिव श्री सुब्रत साहू ने बताया कि प्रदेश के 28 शिक्षा जिलों की 36 सर्वश्रेष्ठ शालाओं की प्रतिभाशाली छात्राओं और शिक्षिकाओं को छत्तीसगढ़ रत्न सम्मान से समारोह में सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बेटियों को सभी सुविधाएं प्रदान करने और उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार दृढ़ संकल्पित है। महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री दिनेश श्रीवास्तव ने कहा कि बेसहारा बच्चों को सुरक्षा और शिक्षा का बेहतर माहौल देने के लिए प्रदेश में 32 बालगृहों का संचालन किया जा रहा है। यूनीसेफ की क्षेत्रीय सेवा प्रमुख फरोजाद ने भी समारोह को सम्बोधित किया। आभार प्रदर्शन यूनीसेफ के श्री प्रसन्ना दास ने किया। इस अवसर पर रायपुर स्थित जे.आर.दानी कन्या उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं ने लोक नृत्य प्रस्तुत किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विभिन्न स्कूलों की छात्राएं, अनेक जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।