बिलासपुर: एसईसीएल(साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) में फायर सिस्टम खरीदी में घोटाले की जांच की मांग को जनहित याचिका दायर की गई है। इस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने एसईसीएल के मुख्य सतर्कता आयुक्त व मुख्य सतर्कता अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। जनहित याचिका पर अगली सुनवाई के लिए डिवीजन बेंच ने दो महीने बाद की तिथि तय कर दी है।
आरटीआई कार्यकर्ता सत्यपूजन मिश्रा ने वकील जयप्रकाश शुक्ला के जरिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि एसईसीएल ने फायर सिस्टम खरीदी के लिए निविदा जारी की थी। निविदा के जरिए जिन सामान की आपूर्ति की गई है, उसकी गुणवत्ता बेहद खराब है। याचिकाकर्ता ने एसईसीएल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि महत्वपूर्ण उपकरणों और सामग्री की खरीदी में जिस तरह लापरवाही बरती गई है इससे खदानों में काम करने वाले कर्मियों की जान भी जा सकती है।
एसईसीएल के आला अधिकारियों को कोल माइंस में कार्यरत श्रमिकों व अधिकारियों के जानमाल की चिंता नहीं है। याचिका के अनुसार एसईसीएल के चिरमिरी क्षेत्र में फायर सिस्टम की खरीदी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। इसमें अधिकारियों के साथ ही आपूर्तिकर्ता कंपनी की मिलीभगत की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि निविदा के जरिए घटिया सामग्री की आपूर्ति की गई है। खरीदी के वक्त एसईसीएल के आला अधिकारियों ने गुणवत्ता को लेकर विशेषज्ञ अधिकारियों से जांच पड़ताल भी नहीं कराई है और ना ही उनकी सहमति ही ली गई है।
याचिकाकर्ता ने यह भी आशंका जाहिर है कि फायर सिस्टम खरीदी में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखे जाने के कारण कर्मचारियों का जान जोखिम में रहेगा। जिस वक्त उपकरणों की जरूरत होगी गुणवत्ताविहीन उपकरण काम ही नहीं आएंगे और कर्मचारी हादसे का शिकार होते रहेंगे। आग लगने की बड़ी घटना कभी भी घटित हो सकती है ऐसी स्थिति में फायर सिस्टम के जरिए आगजनी की घटना पर काबू ही नहीं पाया जा सकेगा। जब स्थिति भयावह होगी। इससे जनहानि की आशंका बनी रहेगी। मामले की सुनवाई हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच में हुई। जनहित याचिका में उठाए गए मुद्दों की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने एसईसीएल के दो जिम्मेदारी आला अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।