रायपुर. छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा एवं प्रवक्ता विजय झा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने फेडरेशन के प्रतिनिधियों को,1 जुलाई के पूर्व सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन 4 जून को दिया था. फेडरेशन के घटक संगठनों ने 20 दिनों तक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं अपर मुख्य सचिव वित्त अमिताभ जैन को वार्षिक वेतन वृध्दि विलंबित करने संबंधी आदेश को वापस लेने, कोरोना योद्धाओं के लिए 50 लाख अनुग्रह राशि का प्रावधान करने एवं संगठनों के प्रबंधकारिणी के कार्यकाल अनुसार मान्यता देने संबंधी माँगो पर मुख्यमंत्री के आश्वासन संबंधी पुनःस्मरण ज्ञापन दिया है. फेडरेशन ने बजट व्यय में कटौती संबंधी अन्य उपायों पर विचार करने का सुझाव भी दिया है.
फेडरेशन का कहना है कि मुख्यमंत्री को कर्मचारियों के मौलिक अधिकार वार्षिक वेतन वृध्दि विलंबित करने का सुझाव देने वाले अधिकारी के कारण कर्मचारी जगत में भारी आक्रोश व्याप्त है.उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ देश में ऐसा निर्णय लेने वाला अकेला राज्य है. फेडरेशन ने शासन स्तर पर हुए प्रत्येक चर्चा में स्पष्ट कहा है कि,वार्षिक वेतन वृध्दि विलंबित करना,सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत एक प्रकार से असंचयी प्रभाव से रोकने के समान है. आदेश से कोरोना काल में सरकारी कर्मचारी-अधिकारी के सेवाभावना को ठेस पहुँचा है. 27 जून को फेडरेशन का प्रतिनिधिमंडल पुनः अपर मुख्य सचिव वित्त मिलकर मुख्यमंत्री के आश्वासन एवं कर्मचारी जनभावनाओं से अवगत कराया है.
प्रतिनिधि मंडल मंत्रालय में वन मंत्री माननीय मोहम्मद अकबर से मुलाकात कर वन विभाग के कर्मचारियों के समस्याओं के साथ इंक्रीमेंन्ट रोकने के आदेश को निरस्त कराने के सम्बन्द्ध में भी चर्चा कर निवेदन किया गया मंत्री महोदय द्वारा माननीय मुख्यमंत्री से इस विषय पर चर्चा कर स्मरण दिलाने की बात कही गई. फेडरेशन ने आज पुनः मुख्यमंत्री को स्मरण -पत्र दिया है.प्रतिनिधिमण्डल में फेडरेशन के सचिव राजेश चटर्जी, कोषाध्यक्ष सतीश मिश्रा,पंकज पाण्डेय,संजय सिंह,अजय तिवारी,देवलाल भारती,अमोद श्रीवास्तव सम्मिलित थे.