CG – चावल से हड़कंप: फोर्टीफाइड चावल को प्लास्टिक चावल समझकर हड़बड़ाए ग्रामीण… खाद्य विभाग ने बताई सच्चाई..



बेमेतरा: ग्राम परपोड़ा में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से लोगों के घरों तक पहुंचे मोटे आकार के प्लास्टिक नुमा चावल की आपूर्ति से हड़कंप मचा हुआ है। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद किसान नेता योगेश तिवारी ग्राम परपोड़ा पहुंचे, जहां उन्होंने चावल का सैंपल लेकर खाद्य विभाग के अधिकारी और जानकारों से बात की। खाद्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राशन की दुकानों से दिया गया चावल प्लास्टिक का नहीं था। बल्कि फोर्टिफाइड राइस था। जो कि सुरक्षित और पौष्टिक है। लेकिन यह चावल मिड डे मील और आंगनबड़ी के लिए सप्लाई किया जाता है, फिलहाल राशन हितग्राहियों को फोर्टीफाइड चावल की आपूर्ति नहीं की जा रही है।

केंद्र सरकार के निर्देश पर मिलाया जा रहा चावल

केंद्र सरकार के निर्देश पर पोषक आहार की पूर्ति के लिए फोर्टीफाइड चावल सामान्य चावल में मिलाया जा रहा है। इसकी मात्रा 1 क्विंटल में 1 प्रतिशत है। इस संबंध में किसान नेता योगेश तिवारी ने कहा कि फोर्टीफाइड चावल को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति है। जिसे दूर किया जाना जरूरी है। इसके लिए खाद्य विभाग को लोगों के भ्रम को दूर करने राशन दुकानों में सामान्य जानकारी चस्पा किया जाना चाहिए।

फोर्टीफाइड चावल की यह खासियत

फोर्टीफाइड राइस का मतलब है पोषण युक्त चावल। इसमें आयरन विटामिन बी-12 फालिक एसिड जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में होते हैं यानी इस चावल का सेवन करने वाले लोग कुपोषण का शिकार नहीं होंगे। फोर्टीफाइड चावल में जरूरी सूक्ष्‌म पोषक तत्व विटामिन और खनिज की मात्रा को कृत्रिम तरीके से बढ़ाया जाता है।

दीगर जिलों से मंगाया जा रहा फोर्टीफाइड चावल

चावल उद्योग संघ जिला अध्यक्ष सुनील डागा ने बताया कि वर्तमान में फोर्टीफाइड चावल राजनांदगांव, रायपुर समेत अन्य जिलों से मंगाया जा रहा है। वर्तमान के बेमेतरा में फोर्टीफाइड चावल की एक मशीन की स्थापना की गई है। जिस मिलर से फोर्टीफाइड चावल मंगाया जाता है, वह साथ में लैब रिपोर्ट देते हैं। जिसमें तय मानकों के तहत चावल में पोषक तत्व पाए जाने की स्थिति में लैब में उस सैंपल को पास किया जाता है।