CG – डायरिया का कहर: हैंडपंप का पानी पीने के बाद 20 ग्रामीणों की हालत बिगड़ी… सभी अस्पताल में भर्ती.. आज गांव पहुंचेगी टीम



बिलासपुर: मस्तूरी के ग्राम सरसेनी में हैंडपंप का पानी पीने के बाद ग्रामीण डायरिया की चपेट में आ गए हैं। गुरूवार रात तक 20 ग्रामीणों को हालत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी लगते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम रात में ही गांव पहुंच गई। हैंडपंप को बंद करवाने के बाद मरीजों की तलाश की जा रही है। गुरुवार की सुबह से ग्राम सरसेनी के ग्रामीणों को एक के बाद एक उल्टी, दस्त की शिकार होने लगे। शाम तक 20 ग्रामीणों की स्थिति काफी बिगड़ गई। उन्हें मस्तूरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।

जांच में चिकित्सकों ने डायरिया से पीड़ित होने की पुष्टि की। उपचार के बाद भी कुछ मरीजों की स्थिति गंभीर हुई थी। ऐसे में छह मरीजों को जिला अस्पताल भेज दिया गया। इसकी जानकारी मिलते ही अधिकारी हरकत में आए। रात में ही मस्तूरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से चिकित्सकीय टीम गांव भेजी गई। घर-घर जाकर मरीजों की तलाश शुरू की गई। बीमार मिलने पर दवा दी गई।

इनकी हालत है गंभीर

विकास बर्मन, आदित्य मरकाम, दुरपति कैवर्त, शीतल कुमार कैवर्त, ज्योति मरावी, सिया बाई, आरव मरकाम को हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। सभी को लगातार उल्टी-दस्त हो रही है।

ग्रामीणों ने सरपंच से पहले ही जाहिर की थी आशंका

ग्रामीणों ने जानकारी दी है कि हैंडपंप का पानी दूषित होने की आशंका पहले से ही थी। इसको लेकर गांव के सरपंच को जानकारी दी गई थी। साथ ही समस्या को दूर करने को कहा गया था। लेकिन इस पर जरा भी ध्यान नहीं दिया गया। वहीं, अब इस हैंडपंप का पानी पीने से लोगों का बीमार होने का सिलसिला शुरू हो गया है।

पिछले साल भी आए थे मामले

पिछले साल भी वर्षा के दिनों में ग्राम सरसेनी में कुछ डायरिया के मामले आए थे। जहां बच्चे उल्टी-दस्त का शिकार हुए थे। लेकिन उस दौरान डायरिया नहीं फैला था। उसी समय से ग्रामीणों को शक था कि गांव में दूषित पानी है, इसी वजह से उल्टी-दस्त की समस्या हो रही है।

पीएचई ने लिया सैंपल, शुक्रवार को जाएगी सिम्स की टीम

सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन ने बताया कि मस्तूरी में डायरिया के 20 मरीज मिले हैं। उन्होंने हैंडपंप का पानी दूषित होने की जानकारी दी है। ऐसे में हैंडपंप को बंद करवा दिया गया है। पीएचई ने पानी का सैंपल भी ले लिया है। सिम्स के माइक्रोबायोलाजी विभाग की टीम शुक्रवार की सुबह जांच के लिए गांव पहुंचेगी। वह डायरिया फैलने की जांच करेगी। साथ ही गांव में अलग अलग जगह से पानी का सैंपल लेगी।

शहर में भी डायरिया फैलने की आशंका

वर्षा के मौसम में शहर के अंदर भी डायरिया फैलने की आशंका रहती है। डायरिया को लेकर शहर के 27 छोटे-बड़े स्लम क्षेत्र संवेदनशील हैं। जहां हर साल वर्षा में उल्टी-दस्त के मामले सामने आते हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों के पानी का सैंपल लिया गया है। इसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर डायरिया नियंत्रण कार्य किया जाएगा। मालूम हो कि बीते साल तालापारा और तारबाहर क्षेत्र में डायरिया फैला था। उस समय 400 से ज्यादा लोग इसके चपेट में आ गए थे। छह की मौत हुई थी।