अम्बिकापुर. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग के गैर संचारी रोग प्रकोष्ठ (एनसीडी) कार्यक्रम एवं बाल्कों मेडिकल सेंटर के साथ हुए. अनुबंध अनुसार सरगुजा जिले के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबंद्व चिकित्सालय अम्बिकापुर में कैंसर स्क्रिनिंग कैंप आयोजित किया गया.
उक्त शिविर में सरगुजा संभाग के चिन्हित कैंसर रोगी का सम्पूर्ण ईलाज (पूर्णतः निःषुल्क) बालको हाॅस्पिटल रायपुर में किया जाएगा, उक्त ईलाज में कैंसर की शल्य क्रिया, कीमोथेरेपी, रेडियोथैरेपी शामिल किया गया है.
शिविर के शुभारंभ के अवसर पर जनप्रतिनिधि आदितेष्वर शरण सिंहदेव, महापौर डाॅ. अजय तिर्की, राकेष गुप्ता, बंटी शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ पी.एस.सिसोदिया, अस्पताल अधीक्षक डाॅ. एस.पी.कुजूर, वरिष्ठ चिकित्सक डाॅ. अनिल प्रसाद, नोडल अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र गुप्ता, दन्त चिकित्सक डाॅ. एनामुल हसन, डाॅ. अभिषेक, डाॅ. आमीन फिरदौसी, प्रियंका कुरील, डाॅ. प्रीति माॅनिक अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी-कर्मचारी तथा जांच के लिये आए हितग्राही उपस्थित थे.
शुभारंभ के अवसर पर शहर के प्रथम नागरिक महापौर डाॅ. अजय तिर्की ने कैंसर के निःषुल्क जाॅंच एवं परामर्श हेतु आयोजित शिविर के लिए बाॅल्को मेडिकल सेंटर एवं स्वास्थ्य विभाग को आभार प्रकट करते हुए कहा कि कैंसर की बिमारी अगर प्रथम स्तर में पता कर ली जाये तो आसानी से इसका उपचार संभव है, ज्यादा देर होने पर इसके उपचार में तकलीफ भी ज्यादा होती है. एवं खर्च भी ज्यादा होता है.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ पी.एस.सिसोदिया ने कहा कि विगत 9 माह में सरगुजा के स्वास्थ्य के क्षेत्र में आषातित सफलता प्राप्त हुई है, जिसका पूरा श्रेय स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिहदेव को जाता है उन्होंने क्षेत्र में जागरूकता लाने को बल दिया.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सदस्य आदितेष्वर शरण सिंहदेव ने कहा कि मेडिकल काॅलेज अस्पताल में कैंसर जैसी बिमारी की दूर्लभ सर्जरी कर यहां के चिकित्सकों ने बहोत ही सराहनी कार्य किया है तथा भविष्य में अम्बिकापुर मेडिकल काॅलेज अस्पताल में किमोथैरेपी एवं रेडियोथैरेपी यूनिट का शुभारंभ किया जावेगा, ताकि किसी भी कैंसर पीड़ित को उपचार हेतु बार-बार रायपुर न जाना पड़े.
बाल्को मेडिकल सेंटर के मुख्य कैंसर विषेषज्ञ डाॅ. जयेष शर्मा ने कहा कि कैंसर का प्रमुख कारण, प्रदूषण, अत्यधि तम्बाकू, शराब एवं कीटनाषन का प्रयोग करना पाया गया। उन्होनें कहा कि अपने नजदीकी डाॅ. को तत्काल दिखायें एवं चिकित्सक से कुछ भी न छुपायें, बिमारी से डरे मगर ईलाज से न डरे। कोई भी छाला, गांठ या रक्त स्त्राव कैंसर हो सकता है.
जांच एवं परामर्श शिविर में आज कुल 262 मरीजों को पंजीयन करने के साथ मधुमेह एवं उच्च रक्तचाप की जाॅंच किया गया. जिसमें संदेहास्पद 87 मरीजों का कैंसर का जांच हुआ, 26 कैंसर के पाॅजीटिव मरीज पाये गये.