Breaking: पिछली सरकार में अपने पैरों पर खड़े हो गए युवा..इस सरकार में घुटने के बल चलने पर मजबूर!…

दंतेवाड़ा…प्रदेश सरकार के गौण खनिज मद (डीएमएफ) की समीक्षा के बाद दक्षिण बस्तर जिले में कार्यरत सविंदा स्वास्थ्य कर्मियों के नौकरी पर नौकरी जाने का ग्रहण लग गया था..इसी बीच जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने उन्हें नौकरी से नही निकाले जाने का आश्वासन दिया था .लेकिन आज सीएमएचओ ने उन्हें नौकरी से निकाले जाने का आदेश जारी कर दिया है..जिसके बाद से आक्रोशित संविदा स्वास्थ्य कर्मियों आज घुटने के बल चलकर बस्तर के प्रसिद्ध दंतेश्वरी मंदिर पहुँचे है..

दरअसल भूपेश सरकार की डीएमएफ को लेकर की गई समीक्षा के बाद जिले में पदस्थ 292 संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया गया है..इस आशय के आदेश आज सीएमएचओ ने जारी किए है..जिसमे उन्होंने डीएमएफ की राशि से दी जाने वाली वेतन नही मिलने का हवाला देते हुए अप्रैल से सेवा समाप्ति की बात लिखी है..

वही डीएमएफ पर हो रही समीक्षा के दौरान ही क्लेक्टर टीपी वर्मा ने जिले के खनिज शाखा में पदस्थ सहायक ग्रेड 2 और 3के कर्मचारियों का स्थानांतरण किया था..और तब से यही कयाश लगाये जा रहे थे..की संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को डीएमएफ से वेतन दिए जा रहे है..तो उनकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है..इसी दौरान जिले के प्रभारी मंत्री व राज्य के उद्योग ,आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की बर्खास्तगी को लेकर उन्हें आश्वस्त किया था कि वे नौकरी पर बने रहेंगे ..पर मंत्री जी का वह आश्वसन एक आश्वसन ही साबित हुआ ..

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बता दे कि नक्सल प्रभावित दक्षिण बस्तर के दंतेवाड़ा जिले में प्रचुर मात्रा में खनिज संपदा है..और यही वजह है कि जिले का डीएमएफ सूबे में कांग्रेस की सरकार आने के बाद सुर्खियों में बना हुआ था..डीएमएफ को लेकर तो तत्कालीन कलेक्टर सौरभ कुमार पर वर्तमान कलेक्टर टीपी वर्मा ने कई गम्भीर आरोप भी लगाए थे..जिसका आडियो शोसल मीडिया में वायरल हुआ था..

बहरहाल इन सबसे परे लोकसभा चुनाव में आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील होने के बावजूद एक अनोखा प्रदर्शन देखने को मिला है..जिसमे संविदा स्वास्थ्य कर्मी घुटने के बल चलकर प्रदर्शन कर रहे है…