जशपुर… प्रदेश में अब कांग्रेस के सत्ता में आ जाने से एक ओर जहाँ कार्यकर्ताओ का मनोबल बढ़ा हुआ है..तो वही दूसरी ओर अब कांग्रेस में गुटबाजी खुल कर सामने आ गई है..वही गुटबाजी को लेकर कांग्रेस के आला नेताओं के द्वारा दी जा रही दलीले एक बार फिर कोरी साबित हुई है…
दरअसल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में एक उम्मीद की किरण जागी थी..लेकिन वह उम्मीद अब गुटबाजी और खेमेबाजी के बीच ही उलझ कर रह गई है..ऐसा इसलिए क्योंकि अब पार्टी पदाधिकारी अपनी ही पार्टी के विधायक पर गम्भीर आरोप लगा रहे है..
बता दे कि बगीचा ब्लाक कांग्रेस के उपाध्यक्ष आनन्द लाल कुजूर ने शोसल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए विधायक विनय भगत पर अपने रिश्तेदारों को लाभ पहुँचाने के लिए करोड़ो के विकास कार्यो के स्थल परिवर्तन किये जाने का जिक्र किया है..जिसके बाद से वनांचल जशपुर जिले में सियासी पारा गर्म हो गया है..और इस मुद्दे पर पार्टी के वरिष्ठ नेता कुछ भी बोलने बताने से बचते नजर आ रहे है..
वही एन लोकसभा चुनाव के पहले कार्यकर्ताओ व स्थानीय नेताओं के बीच का यह अंतर्कलह चुनाव परिणामो को कितना प्रभावित करेगा यह देखने वाली बात होगी..
बहरहाल आदिवासी बाहुल्य जशपुर जिला भाजपा का गढ़ हुआ करती थी..लेकिन वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में जिले से भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया..और यही हालत लगभग समूचे प्रदेश की रही..जिसके बाद पूर्ण बहुमत से प्रदेश में कांग्रेस ने सरकार बनाई..अब जाहिर सी बात है सरकार बनी तो कार्यकर्ताओं की अपनी सरकार से कुछ अपेक्षायें थी..लेकिन कांग्रेस की सदियों पुरानी गुटबाजी की परंपरा ने जिला स्तर के कांग्रेसी नेताओं व कार्यकर्ताओं को दुःखी होने पर मजबूर कर दिया..