बिलासपुर। बाल विवाह रोकने पहुंची जिला प्रशासन व पुलिस की टीम से लड़की पक्ष वाले शादी में खर्च हुए पांच लाख स्र्पये की मांग करने लगे। इस बीच दूल्हा भी शादी में हुए खर्च का हिसाब बताने लगा। उसने भी बिना खर्च मिले शादी रोकने से इन्कार किया। इस लेकर दोनों पक्ष हंगामा करने लगे। अधिकरियों ने काफी मशक्कत के बाद उनको समझाया। फिर दुल्हन के घर से बरात लौटाई गई। अधिकारियों ने स्वजनों को बाल विवाह नहीं करने की समझाइश भी दी गई।
चाइल्डलाइन टोल फ्री नंबर 1098 में बाल संरक्षण अधिकारी को सोमवार को सूचना मिली कि बिल्हा ब्लाक के वार्ड नंबर 12 में 16 वर्षीय किशोरी की शादी हो रही है। सोमवार को बरात आने वाली है। इसके बाद विभाग की टीम पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची। पुलिसकर्मियों को देखकर शादी घर में हड़कंप मच गया। तब तक बरात भी दुल्हन के गांव पहुंच गई थी। अधिकारियों ने दुल्हन के स्वजन से प्रमाण पत्र मांगे। इसकी जांच में पता चला कि लड़की की उम्र 16 साल दो माह है। शादी रोकने की बात कहने पर वर-वधु पक्ष भड़क गए। टीम को धमकी देने लगे कि शादी होकर रहेगी।
स्वजन ने अधिकारियों को जबरन घर से निकाल का प्रयास किया। इस बीच दुल्हन के पिता आए और शादी में पांच लाख रूपये खर्च होने की बात कहते हुए अधिकारियों से पैसे की मांग करने लगे। इस बीच विवाह रोकने की बात सुनकर लड़का पक्ष दूल्हा समेत पहुंच गया। वे अधिकारियों पर चिल्लाने लगे। शादी में खर्च रकम और इज्जत जाने की दुहाई दी। दूल्हा भी खर्च मांगने लगा। यहां तक कि दूल्हे ने पकड़ी के 250 स्र्पये तक को जोड़ दिए। अधिकारियों द्वारा काफी समझाने के बाद दोनों पक्ष माने और दूल्हा बरात लेकर लौट गया।
चार माह कम होने से बरात लौटी
एक अन्य मामले में बाल संरक्षण, चाइल्ड लाइन को सूचना मिली कि हिर्री क्षेत्र में भी बाल विवाह हो रहा है। टीम पुलिस बल के साथ वहां भी पहुंची। लड़की के घर वालों से उम्र के बारे में पूछताछ की गई। तब स्वजनों ने 18 वर्ष पूरा होने की झूठी जानकारी दी। अधिकारियों को संदेह हुआ। फिर स्कूल के शैक्षणिक प्रमाण पत्र दिखाने के लिए कहा गया। इतने में स्वजन विवाद करने लगे। काफी दबाव डालने पर उन्होंने प्रमाण पत्र दिखाया। उसके अनुसार लड़की की उम्र मात्र 17 साल छह माह सात दिन था। मात्र चार माह कम होने के कारण विवाद रोक दिया गया।
बिल्हा और हिर्री में बाल विवाह होने की सूचना मिली थी। जांच करने पर शिकायत सही मिली। दोनों पक्षों को समझाईश दी गई। बारात को लौटाया गया। इस दौरान विवाद की स्थिति में निर्मित होती है। बाल विवाह के शिकार होने से दो बेटियों को बचाया गया। पार्वती वर्मा, जिला बाल संरक्षण अधिकारी बिलासपुर।