अम्बिकापुर. जिले का शासकीय नर्सिंग कालेज अपनी स्थापना के बाद से ही खानाबदोशी का दंश झेल रहा है. प्रशासनिक उदासीनता की वजह से कालेज और हॉस्टल को बार बार एक स्थान से दूसरे स्थान मे बदल दिया जा रहा है. लेकिन तीसरी बार इसके भवन को बदले जाने को लेकर राजनैतिक पारा चढ गया है. क्योंकि जिस भाजपा नेता के भवन मे ये संचालित है. उनका आरोप है कि दो दिन पहले कलेक्ट्रेट परिसर में हुए राजनैतिक विवाद को कांग्रेस नेता व्यवसायिक बदले के रूप दे रहे हैं.
दरअसल, अम्बिकापुर का शासकीय नर्सिग काजेल के साथ हॉस्टल को कुछ दिन पहले शासकीय आदेश पर शहर के एक भाजपा नेता के भवन मे स्थानांतरित किया गया था. जबकि उसके पहले नर्सिंग की लडकियो का हॉस्टल दो बार अलग-अलग स्थान पर बदला जा सका है. लेकिन नगरीय निकाय चुनाव की गर्महाट के बीच एक बार फिर शासकीय नर्सिंग कालेज के स्थान बदलने का आदेश चिकित्सा संचालनालय ने जारी कर दिया है. आदेश के मुताबिक नर्सिंग कालेज छात्रावास का स्थानांतरण शहर के नमनाकला स्थित लाईवलीवुड कॉलेज मे कर दिया गया है. इधर इस बात के बाद अम्बिकापुर शहर की राजनीति ने फिर उबाल ले लिया है और भाजपा नेता इस मामले को लेकर लामबंद हो गए हैं. भाजपा के जिला अध्यक्ष अखिलेश सोनी के मुताबिक उनके नेता के जिस भवन मे निर्सिंग कालेज हॉस्टल संचालित है. उसका चिकित्सा संचालनालय से 2021 तक के लिए अनुबंध था. ऐसे मे राज्य सराकर द्वारा समय से पहले इस तरह भवन का स्थानांतरण सरकार के बदले की भावना है.
गौरतलब है नगरीय निकाय चुनाव के लिए नामांकन के अंतिम दिन भाजपा प्रत्याशियो के खरीद फरोख्त का आरोप लगाकर जिस भाजपा नेता भारत सिंह सिसोदिया ने कांग्रेस के खिलाफ विरोध प्रकट किया था. नर्सिंग कालेज उन्ही के भवन मे संचालित हो रहा था. लिहाजा नर्सिंग कालेज को उनके भवन से ट्रांसफर किए जाने के बाद राजनीति बवाल तो मचना तय हैं. इधर इस लगातार नर्सिग कालेज के छात्राओ को इधर से उधर भटकाने के मामले मे जब हमने नर्सिंग कालेज की प्रभारी प्राचार्य तृप्ती सोनी से बात की तो उन्होने बताया कि कलेक्टर के आदेश के बाद हम कालेज के छात्रावास को लाईवलीहुड कॉलेज के परिसर मे शिफ्ट करना पड रहा है. हालाकि उन्होने उस स्थान को सुरक्षित औऱ समुचित बताया जिस निजी भवन मे फिलहाल छात्रावास औऱ कॉलेज दोनो संचालित है..
अम्बिकापुर के शासकीय नर्सिग कॉलेज की बिल्डिंग गंगापुर मे बन कर तैयार है. लेकिन उसमे मेडिकल कॉलेज संचालित है. ऐसे मे अपनी स्थापना के बाद से शासकीय नर्सिंग कॉलेज, छात्रावास और नर्सिंग की छात्रा ठीक उसी तरह जीवन यापन कर रहीं है. जैसे पुराने समय मे जीवन यापन की तलाश मे खानाबदोश लोग पूरी उम्र एक स्थान से दूसरे स्थान मे भटकते रहते थे.