बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)…लंबे समय से नगर पालिका अध्यक्ष और पार्षदों के बीच चल रही आपसी खींचतान पर अब अविश्वास मत प्रस्ताव का मुहर लग गया है..और 4 अप्रैल की तारीख मुकर्रर कर अविश्वासमत प्रस्ताव पर बैठक बुलाई गई है।
दरअसल, बलरामपुर नगर पालिका परिषद के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब 15 मे से 14 पार्षद अध्यक्ष गोविंदराम की कार्यशैली से नाराज होकर अविश्वास मत प्रस्ताव लाया है..बता दे कि, 15 पार्षदों वाले बलरामपुर नगरीय निकाय में 08 पार्षद कांग्रेस, 04 पार्षद भाजपा व 3 निर्दलीय पार्षद है..और अप्रत्यक्ष प्रणाली से हुए नगर पालिका अध्यक्ष पद के चुनाव के बाद से ही नगर पालिका में आपसी खींचतान का माहौल बना रहा है..
हालांकि वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष गोविंद राम ने अविश्वास मत प्रस्ताव को लेकर अपना पक्ष रखते हुए कहा..की उन्हें पार्षदगण दारू और मुर्गा की मांग करते है..और उनकी इन मांगों को वे पूरा नही कर सके इसी के चलते अविश्वास मत प्रस्ताव लाया गया है..
वही नगर पालिका के अन्य पार्षदों से सम्पर्क साधने की कोशिश की गई.. लेकिन पार्षदों के अज्ञातवाश में होने के चलते उनसे संपर्क नही हो पाया..
वर्ष 2012में अस्तित्व में आये नगर पालिका परिषद बलरामपुर में शुरुआती दौर में भाजपा का कब्जा रहा ..जिसके बाद हुए स्थानीय निकाय के चुनावों में दो बार अध्यक्ष पद पर भाजपा काबिज रही थी..और वर्तमान समय मे अध्यक्ष की कुर्सी कांग्रेस के पाले में है.
कमीशन के फेर में अविश्वास प्रस्ताव ..अड़े रहे अध्यक्ष
विश्वस्त सूत्रों की माने तो हालिया दिनों में स्वीकृत विकास कार्यो में कमीशन को लेकर अध्यक्ष अड़ गए थे..जिससे पार्षदों में नाराजगी देखने को मिली थी..तथा अपने स्तर पर पार्षदों ने अध्यक्ष से चर्चा कर विकास कार्यो का श्री गणेश करने तक की बात कही थी..लेकिन आपस मे सहमति नही बन पाने की वजह से यह स्थिति निर्मित हुई।
राजनीतिक जानकारों की माने तो नगर पालिका में इतिहास पलटने का यह वाकया सत्ता पक्ष के दो गुटों के आपस में टकराने से यह स्थिति निर्मित हुई है..और अब देखने वाली बात होगी ..की किस गुट के सर पर अपनो से जीत का सेहरा बंधेगा!..