VIDEO: नेता जी का रेत से मोह इतना की.. अब रेत माफियाओ से ही ठन गई..तब याद आई NGT और करने लगे कार्यवाही की मांग..आरोप -प्रत्यारोप का दौर हुआ शुरू!..

बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)…जिले में एनजीटी के आदेश के बाद रेत के वैध और अवैध उत्खनन को लेकर राजनीतिक रंग चढ़ने लगा है..और सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता आपस मे लड़ने लगे है..वही रेत उत्खनन को लेकर अब ग्रामीण तो नही सफेदपोश लोग शिकायते करते नजर आ रहे है..और वह शिकायते शायद केवल इसलिए क्योंकि रेत माफियाओ से ठन गई हो!.

बता दे कि बलरामपुर जिला उत्तरप्रदेश ,मध्यप्रदेश व झारखण्ड की सीमा से सटा हुआ है..जिसकी वजह से क्षेत्र में रेत का वैध और अवैध कारोबार फल फूल रहा है..इसी बीच नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने छत्तीसगढ़ में रेत के उत्खनन पर 10 जून से 15 अक्टूबर तक रोक लगा दिया है..लेकिन फिर भी रेत का उत्खनन जारी था..जिसपर हालिया दिनों में खनिज विभाग ने कार्यवाही भी की थी..

राजेश यादव जिला पंचायत सदस्य

वही अब भाजपा के जिला पंचायत सदस्य राजेश यादव ने रेत के अवैध कारोबार में रामचन्द्रपुर ब्लाक के कांग्रेसी नेता व जनपद सदस्य के पति पर संलिप्त होने का आरोप लगाया है..जबकि कांग्रेस के नेता व्यासमुनि यादव ने यह कह कर सियासी गलियारे मे हलचल पैदा कर दी..की खुद विपक्ष (भाजपा ) के लोग रेत के अवैध उत्खनन के कारोबार से जुड़े है..और रेत माफियाओ से महीने में मेहनताना लेते हो..लेकिन अब शायद रेत माफियाओ ने नेता जी का फोन उठाना बन्द कर दिया तो वे खुद शिकायते करने लगे है..एनजीटी से पहले भी उत्खनन हुआ पर खुद के निर्वाचन क्षेत्र में नेता जी झांकने तक नही गए..और ना ही आवाज उठाई!..तो दूसरी ओर कांग्रेस के एक और ऐसे जनपद सदस्य पति है..जो खुद भी रेत के अवैध कारोबार से संलिप्त है..और उनका कारोबार फल -फूल भी रहा है!.

रामचन्द्रपुर ब्लाक के हरिहरपुर,अनिरुद्धपुर और फुलवार में रेत का भंडारण किया गया है..जिसको लेकर अब कांग्रेस -भाजपा के नेता आमने-सामने है..लेकिन सबसे अहम बात यह है कि..भले ही एनजीटी का रोक 10 जून को लगा हो..इससे पहले भी रामचन्द्रपुर ब्लाक में रेत के अवैध उत्खनन हुए..उस दौरान ना ही सत्तापक्ष सामने आया..और ना ही विपक्ष.. बल्कि ग्रामीणों की शिकायतों पर भी सफेदपोशी हावी रही..तथा ग्रामीण शिकायतें करते -करते थक गए..तब अब जब सफेदपोशों की स्वार्थ सिद्धि रेत माफियाओ से नही हो पा रही है..तब आरोप -प्रत्यारोप का दौर जारी है..

बहरहाल सरकार की खनिज नीति से जिले का भला होता तो दिख नही रहा है..बल्कि उल्टे रेत को लेकर दंगल मचा हुआ है..ऐसे में स्थानीय प्रशासन और खनिज विभाग के समक्ष चुनौती यह भी है..की आखिर कार्यवाही करें तो किस पर..क्योंकि सब हाईप्रोफाइल है..और ऊपर से क्षेत्रीय नेताओ का रेत मोह कम होने का नाम ही नही ले रहा!..