बालोद. भूपेश सरकार की सबसे बड़ी महत्त्वकांक्षी योजना “नरवा विकास योजना” को बालोद वनमंडल ने धरातल पर साकार किया हैं. समयावधि से पूर्व इसे पूर्ण करने तथा बेहतर क्रियान्वयन के लिए पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी ने डीएफओ सतोविशा समाजदार एवं बालोद वनमंडल के पूरे स्टॉफ को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है. उल्लेखनीय हो कि राज्य सरकार की महत्त्वकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरवा अऊ बाड़ी के तहत बालोद वनमंडल के गुरुर परिक्षेत्र में “नरवा विकास योजना” के अंतर्गत खारुन नदी (देवरानी-जेठानी) नदी में सॉफ्टवेयर के माध्यम से डीपीआर तैयार करने का कार्य प्रारंभ किया गया. डीएफओ सतोविशा समाजदार के निर्देशन में अप्रैल 2019 में खारुन नदी के उद्गम स्थल नदी को रिचार्ज भरने, वन्यप्राणियो के पेयजल की व्यवस्था, मिट्टी के कटाव को रोकने और नदी को सूखने से बचाने के उद्देश्य से सूबे के मुखिया भूपेश बघेल के मंशा के अनुरूप सर्वेक्षण कार्य प्रारंभ किया गया. तात्कालिक मुख्य वन संरक्षक दुर्ग एसएसडी बड़गैय्या, वर्तमान मुख्य वन संरक्षक शालिनी रैना, मुख्य वन संरक्षक रायपुर संजीता गुप्ता एवं वनमण्डाधिकारी धमतरी व बालोद के द्वारा नदी के उद्गम स्थल से किये जाने वाले कार्यों जो कि देवरानी-जेठानी नाले के नाम से प्रसिद्ध हैं एवं कंकालिन मंदिर के पास से जिसका उद्गम स्थल हैं. वहां से सभी के द्वारा सर्वे किया गया. माह अप्रैल 2019 में गुरुर वन परिक्षेत्र के तात्कालिक व वर्तमान में प्रभारी अधिकारी आरके नांदूरकर द्वारा अपने अधीनस्थ स्टॉफ के साथ डीपीआर बनाने का कार्य प्रारंभ किया गया. अप्रैल, मई की तपती गर्मी में पूरे नाले का सर्वेक्षण कर वहां बनने वाले सभी सरंचनाओं का अलग-अलग नप करण कर वनमण्डाधिकारी सतोविशा समाजदार के निर्देशन में डीपीआर तैयार कर मुख्य कार्यपालन अधिकारी कैम्पा व्ही श्रीनिवासराव के समक्ष प्रस्तुत की गई. 1 करोड़ 61 लाख 80 हजार की डीपीआर स्वीकृति कैम्पा से मिलने के पर नवंबर 2019 से युद्ध स्तर पर कार्य प्रारंभ किया गया.
बता दे कि गुरुर परिक्षेत्र के वनक्षेत्र में खारुन नदी की कुल लंबाई 4009 हेक्टेयर हैैै. नदी को रिचार्ज भरने, वन्यप्राणियो के पेयजल की व्यवस्था, मिट्टी के कटाव को रोकने और नदी को सूखने से बचाने के उद्देश्य से 1 करोड़ 61 लाख 80 हजार 739 रुपये की लागत से 4009 हेक्टेयर के क्षेत्र में 10 किमी में 4 चेकडैम निर्माण, 16 गैबियन सरंचना निर्माण, 3 परकोलेशन टेंग निर्माण, 382 लूज बोल्डर चेकडैम और 1 डाइक निर्माण कार्य किये गए हैं. उक्त सभी निर्माण कार्य को बालोद वनमंडल द्वारा समयावधि के पहले याने के 13 जून के पहले ही पूर्ण कर लिया गया हैं.
सराहनीय कार्य के लिए पीसीसीएफ ने प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित
दरअसल गुरुर विकासखण्ड के कंकालिन मंदिर पर खारुन नदी का उद्गम स्थल हैं. इस नदी का पानी गुरुर विकासखण्ड व जिले के आखिरी छोर अरकार-सनौद से होते हुए दुर्ग, रायपुर व धमतरी जिले के कई हिस्सो तक पहुचता हैं. इस नदी के पानी को सहेजने एवं नदी को रिचार्ज भरने, वन्यप्राणियो के पेयजल की व्यवस्था, मिट्टी के कटाव को रोकने और नदी को सूखने से बचाने के उद्देश्य से “नरवा विकास योजना” के तहत विभिन्न निर्माण कार्य किये गए है. जिससे कि पानी को अलग-अलग जगहों में स्टोरेज किया जा सके और उसका सही उपयोग हो सकें.
अक्सर देखा गया है कि बारिश के समय में नालों में पानी ओव्हरफलों होकर इधर उधर वेस्टेज हो जाता है.. लेकिन भूपेश सरकार की “नरवा विकास योजना” के तहत पानी को सहेजने व स्टोरेज करने का कार्य किया जा रहा है. स्टोरेज किये गए पानी से वन्यप्राणी सहित किसानो को भी इसका लाभ मिलेगा. यहां यह बताना लाज़िमी हैं कि राज्य सरकार की महत्त्वकांक्षी योजना “नरवा विकास योजना” अंतर्गत एपीओ 2019-20 में स्वीकृत नरवा विकास कार्यो को प्राथमिकता के साथ विशेष रुचि लेकर डीएफओ सतोविशा समाजदार के मार्गदर्शन में बालोद वनमंडल ने समय सीमा के भीतर सफलतापूर्वक पूर्ण किया हैं। जिसके लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी ने बधाई देते हुए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया हैं.
पीसीसीएफ एवं सीसीएफ के मार्गदर्शन बराबर मिला – सतोविशा
वनमण्डाधिकारी सतोविशा समाजदार ने बताया कि “नरवा विकास योजना” में पीसीसीएफ और तात्कालिक व वर्तमान सीसीएफ का मार्गदर्शन समय-समय पर मिलता गया हैं. मौके पर कार्यों का निरीक्षण कर जायजा लिया गया हैं. पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी एवं सीसीएफ शालिनी रैना के मार्गदर्शन में बालोद वनमंडल ने “नरवा विकास योजना’ को प्राथमिकता के साथ धरातल पर साकार किया हैं. सीएम भूपेश बघेल की महत्त्वकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरवा अऊ बाड़ी के अंतर्गत “नरवा विकास योजना’ के सफल और बेहतर क्रियान्वयन बालोद में देखने मिल रहा हैं. वनमण्डलाधिकारी सतोविशा समाजदार ने आगे बताया कि पीसीसीएफ सर एवं सीसीसीएफ मैंम के मार्गदर्शन में और गुरुर परिक्षेत्र के रेंजर सोरी, गुरुर के तात्कालिक व प्रभारी रेंजर आरके नानदुरकर, डिप्टी रेंजर श्री प्रजापति व श्री अवस्थी, श्री मंडावी सहित अन्य स्टॉफ की मेहनत और लगन से ही समयावधि के पूर्व इसे किया जा सका हैं.