अम्बिकापुर..(सीतापुर/अनिल उपाध्याय).. अंधविश्वास के चक्कर मे पड़कर बीमार युवक की झाड़फूंक के चक्कर मे जान चली गई। कई दिनों से बीमार युवक की उपचार के बजाये झाड़फूंक कराने के बाद तबीयत बिगड़ने पर परिजन जब उसे लेकर हॉस्पिटल पहुँचे तब तक काफी देर हो चुकी थी। युवक का प्राथमिक उपचार हो पाता उससे पहले ही चिकित्सक ने उसका स्वास्थ्य परीक्षण कर उसे मृत घोषित कर दिया। इकलौते जवान बेटे की मौत की खबर सुन सदमे में आई माँ बदहवास हो गई उसका रो-रोकर बुरा हाल हो गया है।
प्राप्त जानकारी अनुसार ग्राम केरजु निवासी 25 वर्षीय युवक राजाराम अघरिया आ०स्व रामवृक्ष अघरिया की कुछ दिनों से तबीयत खराब थी। परिजन उसका इलाज कराने के बजाए गुनिया बैगा से उसका झाड़फूंक करा रहे थे। झाड़फूंक के बाद अचानक युवक की तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे बेहोशी की हालत में लेकर भागे-भागे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचे। यहाँ युवक का प्राथमिक उपचार हो पाता उससे पूर्व ही चिकित्सक ने उसका स्वास्थ्य परीक्षण कर उसे मृत घोषित कर दिया।
मृत युवक अपने माँ-बाप का इकलौता बेटा था और घर का एकमात्र कमाऊ सदस्य था। उसकी मौत की खबर माँ के ऊपर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा वो सदमे में आ गई। इकलौते बेटे को खोने के गम में उसका रो-रोकर बुरा हाल है।
“इस संबंध में उसका स्वास्थ्य परीक्षण करने वाले डॉ पीयूष अग्रवाल ने बताया कि उपचार के अभाव में युवक की हालत गम्भीर हो गई थी। बुखार उसके सिर में चढ़ गया था। जिसकी वजह से वह बेहोश हो गया और उसकी जान चली गई।”