सीतापुर(अनिल उपाध्याय):- नए एवं अपरिचित लोगो से मिलने के बाद अपना परिचय देकर उनकी जेहन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना व्यवहारिक रूप से एक कला है। जिसे ग्रामीण क्षेत्र के स्कूली बच्चें संकोच एवं अभ्यास नही होने के कारण अमल नही कर पाते है। इसे बच्चों के अंदर विकसित करने शासकीय प्राथमिक शाला घुरवाबुडा भिठुवा की प्रधानपाठक आशा सोनी ने अनूठी पहल की है।
उन्होंने इंट्रोडक्शन शीर्षक के जरिये स्कूली बच्चों में परिचय देने की क्षमता विकसित करने हेतु अपना परिचय कार्यक्रम शुरू किया है। जिसके तहत बच्चों को संवाद करने, बिना गलती किये बेधड़क हिंदी एवं अंग्रेजी में अपना परिचय देने की कला को विकसित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत प्रतिदिन स्कूली बच्चे अपने क्लास में ब्लैकबोर्ड पर अपना नाम पता लिखते है। फिर उसे हिंदी एवं अंग्रेजी में बोलकर अपना परिचय देते है। इस गतिविधियों के संबंध में प्रकाश डालते हुए प्रधानाध्यापक आशा सोनी ने बताया कि इससे छात्रों में बिना किसी डर और झिझक के अंग्रेजी एवं हिंदी में लिखने एवं बोलने की कला विकसित होगी।
जिससे बच्चो में आत्मविश्वास बढ़ेगा संवाद शक्ति में वृद्धि एवं वो कही भी अपना परिचय मुखर होकर दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि परिचय देने से व्यक्ति की प्रतिभा झलकती है। मैं भी चाहती हूँ कि मेरे विद्यालय के बच्चे शिक्षा के साथ सभी कला में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सके।