अनिल उपाध्याय/सीतापुर. शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत पढ़ाई के दौरान स्कूली बच्चों से काम कराना नियम विरुद्ध है। इसके बाद भी एक निजी स्कूल द्वारा स्कूली बच्चों से साफ सफाई के नाम पर झाड़ू लगवाया जा रहा था। इस संबंध में पूछे जाने पर प्रधानपाठक ने बताया कि, स्कूल अवधि के दौरान बच्चों से बागवानी की सफाई करा रहे थे। इससे यह जाहिर होता है कि, निजी स्कूलों में मनमानी चरम पर है। इनके लिए शासन प्रशासन द्वारा बनाये गए नियम कोई मायने नहीं रखते हैं।
मामला सेंट जोसेफ कान्वेंट हायर सेकंडरी स्कूल भैसाखार की है। जहाँ स्कूल अवधि के दौरान स्कूली छात्राओं से साफ सफाई के नाम पर झाड़ू लगवाया जा रहा था। स्कूल की छात्राओ से सफाई के नाम पर परिसर के अंदर एवं बाहर झाड़ू लगवाया जा रहा था। स्कूली बच्चों द्वारा इस तरह के काम कराना नियम विरुद्ध है। उसके बाद भी संस्था द्वारा बेखौफ होकर बच्चों से यह कार्य कराया जा रहा था। इस दौरान कई अभिभावकों की नजर इस पर पड़ी थी। पर वो डर के मारे इसका विरोध नही कर पाए कि कही संस्था उनके बच्चों को प्रताड़ित न करें। जबकि स्कूलों की मनमानी पर नकेल कसने सरकार ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम लागू कर रखा है। ताकि स्कूल में बच्चों से पढ़ाई के अलावा अन्य कोई कार्य नही कराया जाए जो अप्रासंगिक हो। इसके बावजूद भैसाखार स्थित निजी स्कूल में बच्चों से झाड़ू लगवाया जा रहा था। निजी स्कूल की ये मनमानी देख ये लगता है कि, इन्हें शासन प्रशासन का कोई भय नही गई। इनके सामने सरकार के सारे नियम कानून बेकार है।
इस संबंध में पूछताछ के दौरान सेंट जोसेफ स्कूल के प्रधानपाठक अनिल एक्का ने बताया कि, वो स्कूली बच्चों से बागवानी की साफ सफाई करा रहे थे। जबकि ये स्पष्ट नजर आ रहा है कि, स्कूली बच्चे जहाँ झाड़ू लगा रहे है। वह स्कूल परिसर से बाहर सड़क के किनारे का हिस्सा है। जहाँ से हमेशा भारी वाहनों का आवागमन हो रहता है। जिसकी वजह से वहाँ साफ सफाई करने वाले स्कूली बच्चे दुर्घटना के शिकार भी हो सकते थे। इसके बावजूद भी निजी संस्था के शिक्षक इसे दरकिनार कर बच्चों से वहाँ झाड़ू लगवा रहे थे।
इस संबंध में डीईओ संजय गुहे ने बताया कि, इस मामले में जांच के आदेश दिए गए है। जांच रिपोर्ट आते ही उचित कार्रवाई की जाएगी।