अम्बिकापुर. सरगुजा के मैनपाट और धरमजयगढ़ वनमण्डल के सीमावर्ती जंगल में पिछले कई दिनों से जमे 14 हाथियों के दल में शामिल हथिनी ने बच्चे को जन्म दिया है. मैनपाट के मेहता प्वाइंट के नजदीक बच्चे के जन्म के बाद जंगली हाथियों ने यही डेरा जमा लिया है. कई दिनों तक अब जंगली हाथियों के यहीं रहने की संभावना है. जिसे देखते हुए वन विभाग की टीम लगातार निगरानी में लगी हुई है. ताकि जनहानि की घटनाएं न हो.
जंगली हाथियों का यह दल पिछले कई दिनों से मैनपाट और कापू वन परिक्षेत्र के सीमावर्ती जंगल मे विचरण कर रहा है. बीच-बीच में जंगली हाथियों का दल आबादी क्षेत्रों की ओर भी प्रवेश कर जाता है. मकानों को क्षति पहुंचाने के साथ घर मे रखे अनाज को भी हाथी खा लेते है. तीन-चार दिन पहले जंगली हाथियों का यह दल मैनपाट के पर्यटन स्थल मेहता प्वाइंट के नजदीक पहुंचा था. बताया जा रहा है कि इसी दल में एक हथिनी भी शामिल थी. मंगलवार की रात हथिनी ने बच्चे को जन्म दिया. उसके बाद सभी जंगली हाथी वहीं पर रुके हुए है.
मैनपाट के वन परिक्षेत्राधिकारी फेंकू चौबे ने बताया कि कुल 15 हाथी क्षेत्र में है. इसमें से एक हाथी दल से अलग होकर विचरण करता है. शेष 14 हाथी एक साथ घूम रहे है. उन्होंने बताया कि हाथी के बच्चे के जन्म के बाद दल के कुछ दिनों तक यहीं रहने की संभावना को देखते हुए मैदानी कर्मचारियों को सतर्क कर दिया गया है. जंगली हाथियों की सतत निगरानी कराई जा रही है. ताकि वे आबादी क्षेत्र में प्रवेश न कर सके. उन्होंने बताया कि दल से अलग घूमने वाले हाथी से खतरा ज्यादा होता है. यह हाथी लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा है. उस पर भी निगरानी कराई जा रही है.