अनिल उपाध्याय/सीतापुर: केशला रोड़ में सड़क के ऊपर रखे बालू की चपेट में आकर बाइक सवार दो युवक बुरी तरह घायल हो गये। जिन्हें उपचार हेतु हॉस्पिटल लाया गया। जहाँ अव्यवस्था का शिकार बन चुके हॉस्पिटल में उपचार के अभाव में दोनों घायल घँटों दर्द से तड़पते रहे। घायलों को दर्द से तड़पते देख परिजनों ने हॉस्पिटल में अव्यवस्था को लेकर हंगामा मचाना शुरू कर दिया। जिससे वहाँ का माहौल गरमा उठा था और मामला हाथापाई तक जा पहुँची थी। किंतु घँटों इंतजार के बाद हॉस्पिटल पहुँचे चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मियों ने घायलों का उपचार शुरू किया तब जाकर मामला शांत हुआ। इस दौरान हॉस्पिटल में व्याप्त अव्यवस्था को लेकर लोगो मे काफी आक्रोश था जिसकी वजह से वहाँ काफी देर तक गहमागहमी की स्थिति बनी रही।
विदित हो कि शनिवार रात को दशगात्र का न्यौता देकर घर वापस आ रहे बाइक सवार युवकों की बाइक केशला मार्ग में पंडीतमुड़ा के पास सड़क के ऊपर रखे बालू की चपेट में आकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। जिसमे सवार युवक आदित्य सिंह एवं विजेंद्र सिंह बुरी तरह घायल हो गये। जिन्हें उपचार हेतु परिजन लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचे। जहाँ मरहम पट्टी करने के बाद दोनों को वार्ड में भर्ती कर दिया गया किंतु चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मियों के अभाव में उनका उपचार शुरू नही हो सका। जिसकी वजह से दोनों घायल घँटों दर्द से कराहते रहे लेकिन उनकी सुध लेने कोई नही आया। यह देख घायलों के परिजनों का धैर्य जबाब दे गया और उन्होंने हॉस्पिटल में व्याप्त अव्यवस्था को लेकर हंगामा मचाना शुरू कर दिया जिसकी वजह से हॉस्पिटल में काफी देर तक माहौल गरमाया रहा। घँटों इंतजार के बाद जब चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मियों ने वार्ड में पहुँचकर घायलों का उपचार शुरू किया तब कही जाकर मामला शांत हुआ। इस दौरान हॉस्पिटल में व्याप्त अव्यवस्था एवं प्रबंधन की लापरवाही को लेकर लोग काफी आक्रोश में थे जिसकी वजह से वहाँ काफी देर तक गहमागहमी का माहौल बना हुआ था।
सर्पदंश से प्रभावित युवक भी हुआ अव्यवस्था का शिकार, उपचार के अभाव में उसकी भी जान पर बन गई थी
विकासखंड मैनपाट के तराई गाँव कतकालो नथनीपारा निवासी युवक कन्हैयालाल यादव उर्फ पिंटू यादव आ दीनानाथ यादव को रात में साँप ने काट लिया था। जिसे लेकर परिजन उपचार कराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचे थे जहाँ वो भी हॉस्पिटल में व्याप्त अव्यवस्था का शिकार हो गया। जिसकी वजह से उसकी भी जान पर बन आई थी। वो घँटों उपचार के अभाव में बाहर पड़ा हुआ था।चिकित्सक के अभाव में उसका भी उपचार नही हो पा रहा था जिससे परिजन काफी डर गए थे।उनको इस बात का भय सताने लगा था कि कह उपचार के अभाव में युवक हॉस्पिटल में दम न तोड़ दे। किंतु समय से एक घँटे लेट पहुँचने के बाद चिकित्सक ने उसका उपचार शुरू किया तब जाकर परिजनों ने राहत की साँस ली।इस दौरान युवक उपचार के अभाव में घँटों बाहर पड़ा रहा।
स्वास्थ्य केंद्र हुआ अव्यवस्था का शिकार
विगत लंबे समय से हॉस्पिटल में उपचार को लेकर व्याप्त अव्यवस्था को लेकर लोगो के बीच से आवाजे उठनी शुरू हो गई है। हॉस्पिटल प्रबंधन की लापरवाही एवं हॉस्पिटल में व्याप्त गुटबाजी का खामियाजा यहाँ उपचार कराने दूर दराज क्षेत्र से आने वाले लोगो भुगतना पड़ रहा है। शहरी लोग तो नीजि क्लिनिक में जाकर अपना उपचार करा लेते है किंतु गरीब तबके के लोगों का हॉस्पिटल ही एक सहारा है जहाँ वो बड़ी उम्मीद से अपना उपचार कराने आते है लेकिन यहाँ व्याप्त लचर व्यवस्था का शिकार हो जाते है।अक्सर यहाँ चिकित्सक समय पर नही पहुँचते न ही अन्य स्टॉफ यहाँ समय पर पहुँचते है जिसकी वजह से उनके इंतजार में मरीजों की हालत बड़ी दयनीय हो जाती है।कभी कभी तो चिकित्सको जी ये लापरवाही और लेट लतीफी मरीजों की जान पर बन आती है। अपनी जान बचाने मजबूर होकर उन्हें चिकित्सकों द्वारा संचालित नीजि क्लिनिक में जाकर अपना उपचार कराना पड़ता है। इस अव्यवस्था को लेकर कई बार क्षेत्रीय विधायक एवं खाद्यमंत्री अमरजीत भगत सख्त रुख अपना चुके है किंतु कोई असर नही हुआ।हॉस्पिटल में व्याप्त अव्यवस्था का अगर यही हाल रहा तो कभी भी यहाँ कोई अनहोनी हो सकती है। हॉस्पिटल प्रबंधन को लोगो का भारी आक्रोश झेलना पड़ सकता है।
इस संबंध में बीएमओ डॉ अमोष किंडो ने बताया कि वो इस बारे में संज्ञान लेंगे और लापरवाही बरतने वालो के विरुद्ध उचित कार्रवाई करेंगे।