अम्बिकापुर.. छत्तीसगढ के खाद्य मंत्रालय का एक फरमान.. स्वयं सहायता समूह की उन महिलाओ के लिए मुसीबत बन गया है.. जो जिले मे शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालित करती है.. फरमान भी हैरान कर देने वाला ही है.. क्योकि शासन के जिस आदेश पर उचित मूल्य दुकानो मे सीसीटीव्ही कैमरा लगना है.. उसको लगाने का पूरा खर्च स्वयं सहायता समूह की महिलाओ को वहन करना होगा.. ऐसा अधिकारी ही नहीं खुद प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत कह रहे हैं..
सरगुजा जिले के शहरी इलाको से लेकर ग्रामीण अंचलो तक सैकडो उचित मूल्य की दुकान संचालित है.. जिसे स्वयं सहायता समूह की महिलाए संचालित करती है.. लेकिन पिछले कुछ दिनो से इन उचित मूल्य की दुकान संचालिकाओ के पास कुछ लोग पहुंच रहे हैं.. जो उचित मूल्य दुकान मे सीसीटीव्ही कैमरा लगाने के लिए उनसे 25 हजार रूपए की मांग कर रहे है.. लेकिन दुकानो की संचालन करने वाली महिला जब शासन का आदेश मांग रही हैं.. तो ना ही कोई अधिकारी आदेश दिखा रहा है औऱ ना ही कैमरे लगाने वाला ठेकेदार.. लिहाजा इतनी बडी रकम देने लिए समूह की महिलाए तैयार नहीं हो रही है..
सरगुजा जिले के खाद्य अधिकारी उचित मूल्य के संचालको पर लगातार इस बात का दबाव बना रहे हैं कि आपको जल्द से जल्द कैमरा लगवाना है. जिसके लिए वो ठेकेदार को 25 हजार रूपए देने का दबाव बना रहे हैं.. लिहाजा इस मसले को लेकर जब हम सूबे के खाद्य एंव नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत के पास पहुंचे.. तो उन्होने ये साफ कर दिया कि पीडीएस दुकान संचालको को मिल रहा फरमान प्रशासनिक नहीं.. शासन का है… इतना ही नहीं श्री भगत ने सीधे सीधे कहा कि कमीशन पीडीएस दुकान वाले लेते हैं… तो कैमरा भी वही लगवाएगें..
वैसे मंत्री जी क्या मंशा है.. वो सरकारी रूपए की जगह पीडीएस दुकान संचालको के कमाई से ही सीसीटीव्ही कैमरा क्यो लगवाना चाहते हैं ये तो… वो औऱ उनका विभाग जाने… लेकिन हकीकत तो यही है कि पीडीएस दुकानो मे कैमरा लग जाने के बाद खाद्यान की अफरा तफरी पर बहुत हद तक विराम जरूर लगेगा…. बहरहाल अब इंतजार इस बात का है कि पीडीएस दुकान संचालको औऱ खाद्य विभाग के बीच मची खींचतान मे आखिर जीत किसकी होगी…