अरविंदों सोसायटी छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में साईं बाबा आदर्श महाविद्यालय, अम्बिकापुर के सभा कक्ष में आध्यात्मिकता से सब कामों में प्रवीणता विषय पर चिन्तन कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसमें मुख्य वक्ता अरविंदों सोसायटी के प्रांताध्यक्ष डॉ. इन्द्रा मिश्रा (IAS), प्रांतीय संयुक्त गणेश सहाय वर्मा, डॉ. सरला वर्मा रायपुर, डॉ. गीता वर्मा रायपुर एवं नगर के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाजसेवी हरिशंकर त्रिपाठी ने महर्षि अरविंदों के जीवनदर्शन को रेखांकित करते हुए व्यवहारिक जीवन के विभिन्न पहलुओं को आध्यात्मिक्ता से जोड़ते हुए व्यक्ति और व्यक्तित्व निर्माण पर बल दिया।
कार्यक्रम में नगर के विशिष्ट नागरिक, प्रबुद्धजन, विद्वतजन और महाविद्यालय के संचालक अजय इंगोले, विजय इंगोले प्रचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव अध्यापकगण तथा अध्ययनरत छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में विशेषरूप से आमंत्रित सरगुजा कलेक्टर संजीव झा, जिलापंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी, न्यायाधीश श्री खरे, समाजकल्याण विभाग के डी.के.राय, ईजी. उमेश चन्द्र सिंह, पुरातत्ववेत्ता श्रीश मिश्र की सहभागिता रही।
सभा को सम्बोधित करते हुए डॉ. इन्द्रा मिश्रा ने कहा कि “मैं सरगुजा की पावनधरा पर सन् 1991 में पहलीबार आई थी और यहाँ की सुन्दर मनोरम प्रकृति दृश्य देखकर प्रभावित हुई और मुझे इस धरा से विशेष लगाव हुआ। जिस कारण बारम्बार इस धरती को नमन करने का दिल करता है। इसलिए मैं विशेषकर यहाँ आती हुँ। अपने शासकीय सेवा के दौरन यहाँ के महिलाओं और बच्चों की स्थिति को देखा और अनुभव किया कि काश! मैं किंचित सुधार इनलोगों के जीवन में कर पाऊँ तो मैं अपने को कृतार्थ मानूंगी। यही लगा मुझे यहाँ तक खीच लाती है।
भारतवर्ष में अध्यात्म और अध्यात्मिकता की जड़े बहुत पुरानी और शाश्वत है। इस तथ्य पर महर्षि अरविंद ने शोधात्मक चिन्तन और अध्ययन किया और उन्होंने ने माना की व्यक्ति और व्यक्तित्व के विकास को आध्यात्म से जोड़ दिया जाय तो उस व्यक्ति और व्यक्तित्व के कौशल दक्षता में चार चाँद लग जाऐगा। विज्ञान के प्रगतिशीलता के साथ व्यक्ति में अध्यात्म के गुण यदि समाहित हो जाय तो निश्चय तौर पर व्यक्ति में आने वाले बुनियादी विषमताएं और अवगुण स्वतः नष्ट हो जाऐगा। और जब व्यक्ति के अवगुण नष्ट हो गया, तो समाज के ज्वलंत समस्याओं नया हल निकल जाएगा। यहाँ तक की भ्रष्टाचार जैसी बिमारी का भी नाश हो जाएगा। यानि अध्यात्म से सब कामों में प्रवीणता का संचार होने लगेगा। और समाज को नयी दिशा और उर्जा मिलेगी।
डॉ. गीता वर्मा ने प्रश्नोत्तरी के माध्यम से शाला के छात्र-छात्राओं में अध्यात्मिक उर्जा का संचार भरा। जिसमें महर्षि अरविंदों के जीवनदर्शन के विभिन्न पहलुओं को रेखांकित करते हुए बालकों के जिज्ञासानुसार उत्तर देकर सम्पादित किया। डॉ. सरला ने श्रीमाँ के जीवनदर्शन और अरविंदों सोसायटी का लक्ष्य और उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुऐ कहा की व्यक्ति के कार्यों मे परायणता हो तो प्रवीणता अपने आप आ जाती है और परायणता लाने के लिए अध्यात्म जरूरी है।
कार्यक्रम का संचालन गणेश सहाय वर्मा ने बड़े साहित्यिक अंदाज में किया। जिससे श्रोताओं में जिज्ञासा और रोचकता बनी रही। विद्यार्थि भी सहजता महसूस करते हुऐ अच्छें अच्छें प्रश्न किये।
कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्य के संयोजक इंजीनियर उमेश चन्द्र सिंह, समाजसेवी राज नारायण द्विवेदी एवं कवयित्री सीमा तिवारी की अहम भूमिका रही। डॉ. मिश्रा इनलोगों को महर्षि अरविंदों के जीवनदर्शन पर आधारित पुस्तक भेंट किया। कार्यक्रम में करताराम गुप्ता ईजी. सौरभ पान्डेय, आर.बी. गोस्वामी, सतेन्द्र पान्डेय आर.पी.द्विवेदी आदि उपस्थित रहे।